New Delhi News: जीएसटी की नई दरें सोमवार से लागू हो गई हैं लेकिन कई दुकानदार ग्राहकों को इसका लाभ नहीं दे रहे हैं। अप्रत्यक्ष कर विभाग के अनुसार पैक्ड फूड आइटम पर विशेष रूप से यह समस्या देखी जा रही है। उपभोक्ता ग्राहक हेल्पलाइन नंबर 1915 पर फोन करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी उपभोक्ताओं को 22 सितंबर से नई दरों का लाभ मिलना चाहिए।
कुछ दुकानदारों ने पुरानी और नई दरों की तख्तियां लगाकर पारदर्शिता बनाए रखी है। लेकिन बड़ी संख्या में खुदरा विक्रेता अभी भी पैक्ड उत्पाद पुराने दामों पर बेच रहे हैं। विभाग ने निर्माता कंपनियों को पहले ही निर्देश दे दिए थे कि वे खुदरा विक्रेताओं को नई दरों पर सामान बेचने के लिए प्रेरित करें।
शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया
उपभोक्ता 1915 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा इंटिग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल मैकेनिज्म पोर्टल पर भी जीएसटी संबंधी शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। हेल्पलाइन पर देश भर से 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। सोमवार को ही इस नंबर पर कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
विभाग के अधिकारी खुदरा दुकानों पर निरीक्षण कर रहे हैं। निर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि विभाग की प्राथमिकता यह है कि कंपनियां स्वयं अपने खुदरा विक्रेताओं को नई दरों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। इस संबंध में तीन दिन पहले ही विभागों की बैठक हो चुकी है।
पुराने स्टॉक की चुनौती
चिप्स, नमकीन और पैक्ड डेयरी उत्पादों पर मुख्य समस्या यह है कि इन पर पुराने एमआरपी प्रिंट हैं। खुदरा विक्रेता इन्हें पुराने दामों पर बेच रहे हैं। अप्रत्यक्ष कर विभाग के मुताबिक इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से निर्माता कंपनियों और थोक विक्रेताओं की है। सरकार ने पुराने स्टॉक पर दाम न बदलने की राहत दी है।
कुल 453 आइटम्स पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है। इनमें से 295 आइटम रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं हैं। ऑटोमोबाइल और बीमा कंपनियां नई दरों का लाभ ग्राहकों को दे रही हैं। लेकिन छोटे खुदरा उत्पादों में अभी समन्वय की कमी देखी जा रही है। विभाग ने निर्माताओं से स्टॉक संक्रमण को सुगम बनाने को कहा है।
निर्माताओं की जिम्मेदारी
अप्रत्यक्ष कर विभाग का मानना है कि निर्माता कंपनियों को खुदरा विक्रेताओं के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। कंपनियों को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि वे नई दरों के अनुसार सामान बेचें। नए दामों के कारण खुदरा विक्रेताओं को होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी निर्माताओं की होगी। विभाग इस मामले में कंपनियों के साथ निरंतर संवाद कर रहा है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों को किसी भी स्थिति में नई दरों का लाभ मिलना चाहिए। दुकानदारों द्वारा पुराने दामों पर सामान बेचना उचित नहीं है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे नई दरों की जानकारी रखें और किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत शिकायत करें। इससे व्यवस्था में सुधार आएगा।
