Kathmandu News: पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। शीतल निवास स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में यह शपथ ग्रहण कराया गया। इस ऐतिहासिक घटना ने देश में एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत की है।
राष्ट्रपति पौडेल ने इसी कार्यक्रम में तीन नए मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले लोगों में कुलमान घिसिंग, ओमप्रकाश अर्याल और बालेन्द्र शर्मा शामिल हैं। यह सभी नेपाल की राजनीति में जाने-पहचाने हुए चेहरे हैं।
हालाँकि, नए मंत्रिमंडल में जेन जी आंदोलन से जुड़े किसी भी प्रतिनिधि को स्थान नहीं दिया गया है। इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है। विश्लेषक इसके राजनीतिक निहितार्थों पर विचार कर रहे हैं।
शपथ ग्रहण समारोह सादगी के साथ आयोजित किया गया था। इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और कुछ राजनीतिक नेता मौजूद थे। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनका प्रधानमंत्री बनना देश में महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है।
उनकी नियुक्ति देश को वर्तमान राजनीतिक गतिरोध से बाहर निकालने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि उनका मुख्य कार्य अगले आम चुनावों को निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से कराना होगा। यह चुनाव देश में स्थिरता लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
नए मंत्रिमंडल के गठन ने विभिन्न दलों के बीच नई बहस छेड़ दी है। राजनीतिक दल अब अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ दलों ने इसकी सराहना की है तो कुछ ने इसे एकतरफा फैसला बताया है। आने वाले दिनों में राजनीतिक वार्ता और तेज होने की उम्मीद है।
सुशीला कार्की ने शपथ लेने के बाद राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने संविधान का पालन करने और देश की जनता की सेवा करने का वादा किया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से चुनावी प्रक्रिया को सुचारु बनाने में सहयोग की अपील की है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी इस विकास पर नजर रखी है। पड़ोसी देश भी नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की कामना कर रहे हैं। सुशीला कार्की का नेतृत्व देश को एक नई दिशा देगा, यह सभी की उम्मीद है। अब सबकी नजरें उनके पहले आधिकारिक कदमों पर टिकी हैं।
