Kathmandu News: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने छात्रों के हिंसक प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया है। सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ उठे युवा आंदोलन ने सरकार को झुका दिया। ओली के इस्तीफे के बाद अब काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नए प्रधानमंत्री बनने की चर्चा तेज हो गई है।
बालेन शाह युवाओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं और उन्हें बदलाव का प्रतीक माना जाता है। वह पेशे से सिविल इंजीनियर और रैपर रहे हैं before entering politics. उनकी छवि एक पारदर्शी और जवाबदेह नेता की है। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें देश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग की है।
भारत के साथ संबंधों पर संभावित प्रभाव
बालेन शाह ने अतीत में भारत के संबंध में कुछ विवादास्पद बयान दिए हैं। उन्होंने नेपाल सरकार को ‘भारत का दास’ बताया था। उन्होंने फिल्म ‘आदिपुरुष’ को काठमांडू में बैन भी किया था। इन कारणों से भारत को संभावित नई सरकार के साथ सावधानीपूर्वक काम करना होगा।
राजनीतिक अनुभव की चुनौती
बालेन शाह का राष्ट्रीय राजनीतिक अनुभव सीमित है। संसद में पारंपरिक दलों का अभी भी वर्चस्व बना हुआ है। स्थानीय स्तर की सफलता राष्ट्रीय स्तर की जटिलताओं से निपटने की गारंटी नहीं देती। युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
नेपाल की राजनीति में अभी तक कोई स्पष्ट दिशा नजर नहीं आ रही है। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत अगले प्रधानमंत्री का चयन किया जाएगा। देश में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। सभी की नजरें अब राष्ट्रपति भवन की ओर हैं।
