Kathmandu News: नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों छात्र और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और सुरक्षा बलों को कड़े आदेश दिए हैं।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है। सरकार ने फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगाई है। हालांकि चीन के किसी भी प्रमुख प्लेटफॉर्म को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
पड़ोसी देशों के समानांतर
यह स्थिति बांग्लादेश और श्रीलंका में हुए हाल के आंदोलनों से मिलती-जुलती है। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। उन्होंने बाहरी ताकतों का हस्तक्षेप होने का आरोप लगाया था। श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण हुए प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति को इस्तीफा देना पड़ा।
अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को चीन का करीबी माना जाता है। बांग्लादेश के मामले में अमेरिका ने सैन्य अड्डा बनाने का प्रस्ताव दिया था जिसे ठुकरा दिया गया था। श्रीलंका की चीन के साथ बढ़ती नजदीकी को भी आंदोलन का कारण माना जाता रहा है। नेपाल में वर्तमान प्रदर्शनों के पीछे के कारणों पर अंतर्राष्ट्रीय नजरें टिकी हुई हैं।
सरकार ने प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। सेना को विशेष अधिकार दिए गए हैं और कर्फ्यू का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने शांतिपूर्ण समाधान की अपील की है।
