NEET Scam: एम्स बिलासपुर में एमबीबीएस की काउंसलिंग के दौरान एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। बिहार की एक महिला अभ्यर्थी पर फर्जी दस्तावेज पेश करने का आरोप लगा है। उसने अपने NEET-UG स्कोर को 30 के बजाय 590 और रैंक 20 लाख के बजाय बेहतर दिखाया था। प्रशासन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी है और एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
कैसे हुई धोखाधड़ी का खुलासा
अंकिता भारती नाम की अभ्यर्थी एम्स बिलासपुर पहुंची। वह दस्तावेज सत्यापन के लिए काउंसलिंग समिति के सामने पेश हुई। समिति ने जब उसके दस्तावेजों की चयन सूची से तुलना की तो उसका नाम सूची में नहीं था। इससे अधिकारियों को शक हो गया और उन्होंने गहन जांच शुरू कर दी।
लॉगिन आईडी और धुंधले स्कोरकार्ड ने बढ़ाया शक
जांच के दौरान समिति ने उससे उसकी NEET-UG रैंक की पुष्टि के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड मांगा। अभ्यर्थी ने पासवर्ड न काम करने का बहाना बनाया। इसके बाद उसने एक धुंधला और पढ़ने में मुश्किल स्कोर कार्ड पेश किया। मोबाइल स्क्रीनशॉट में 590 अंक और 84 पर्सेंटाइल दिखाई दी।
असल स्कोर कार्ड ने किया पर्दाफाश
काउंसलिंग समिति ने आधिकारिक वेबसाइट से उसका वास्तविक स्कोर कार्ड प्राप्त किया। असल स्कोर कार्ड ने पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया। उसमें उसके केवल 30 अंक और लगभग 20 लाख की ऑल इंडिया रैंक थी। इस तरह यह साबित हो गया कि उसके द्वारा पेश किए गए सभी दस्तावेज नकली थे।
पुलिस ने दर्ज की केस, जांच जारी
एम्स प्रशासन ने तुरंत सदर थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी। पुलिस ने अंकिता भारती के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। प्राथमिक पूछताछ में अभ्यर्थी ने अपने गलत काम को स्वीकार किया। उसने माना कि उसने रैंक कार्ड और अलॉटमेंट लेटर में हेराफेरी की थी।
नेटवर्क की जांच कर रही पुलिस
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस धोखाधड़ी में कोई और लोग शामिल हैं। यह देखा जा रहा है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है और किस स्तर तक फैला हुआ है। एम्स प्रशासन ने पुलिस को पूरे मामले का सारा रिकॉर्ड सौंप दिया है। आगे की कार्रवाई जांच के परिणाम पर निर्भर करेगी।
