Shimla News: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की नवीनतम रिपोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के लिए चिंताजनक आंकड़े पेश किए हैं। राज्य नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में अब देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। पंजाब से सटी सीमा और भौगोलिक स्थितियां इस समस्या को बढ़ा रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में राज्य में ड्रग तस्करी के मामलों में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिमाचल का भौगोलिक वातावरण अनजाने में तस्करों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है। पंजाब जैसे नशे के केंद्रों के नजदीक होना एक प्रमुख कारण बना हुआ है।
राज्य अब तस्करों के लिए मात्र रास्ता ही नहीं, बल्कि एक सक्रिय बाजार भी बन गया है। पर्यटन क्षेत्रों और छोटे शहरों में युवाओं के बीच नशीले पदार्थों की खपत में वृद्धि देखी जा रही है। इसने समस्या को और गंभीर बना दिया है।
संगठित गिरोहों का साया
एनसीआरबी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कई तस्करी मामले संगठित गिरोहों से जुड़े हैं। प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई के बावजूद तस्करी पर पूर्ण नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन दोनों ही मामलों में तेजी देखी गई है।
राज्य सरकार ने इस चिंताजनक स्थिति पर गंभीरता दिखाई है। पुलिस विभाग और नशा मुक्ति संगठनों को कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है।
इस संकट से निपटने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों का उद्देश्य नशा रोकथाम और तस्करी रोकथाम के उपायों को मजबूत करना है। युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराना भी इनका लक्ष्य है।
सामाजिक समस्या का रूप
विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रग तस्करी केवल कानूनी मुद्दा नहीं रह गई है। यह एक गहन सामाजिक समस्या बन चुकी है। युवाओं में बढ़ती लत भविष्य की पीढ़ियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
उनके अनुसार केवल पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। परिवारों, समुदायों और शिक्षण संस्थानों को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। सामूहिक प्रयासों से ही इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता और नशा मुक्ति संगठन लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने राज्य सरकार से सख्त कानूनों के साथ समुदाय आधारित कार्यक्रम शुरू करने की अपील की है। इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
एनसीआरबी की यह रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है। तस्करी और नशे पर नियंत्रण न होने की स्थिति में गंभीर सामाजिक व कानूनी परिणाम सामने आ सकते हैं। राज्य के युवाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं।
