India News: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की किताब में बड़े बदलाव किए हैं। नई किताब में मुगल शासकों बाबर, अकबर और औरंगजेब को नए नजरिए से पेश किया गया है। बाबर को क्रूर विजेता, अकबर को सहिष्णुता और क्रूरता का मिश्रण, और औरंगजेब को मंदिर व गुरुद्वारे तोड़ने वाला बताया गया है। ये बदलाव छात्रों को इतिहास के जटिल पहलुओं से रूबरू कराने की कोशिश हैं, लेकिन इनसे विवाद की आशंका भी बढ़ गई है।
मुगल काल पर नया नजरिया
नई किताब, ‘एक्सप्लोरिंग सोसाइटी: इंडिया एंड बियॉन्ड’, में दिल्ली सल्तनत और मुगल काल में धार्मिक असहिष्णुता के उदाहरण जोड़े गए हैं। बाबर को “क्रूर और निर्दयी विजेता” बताया गया है, जो शहरों की आबादी का कत्लेआम करता था। अकबर के शासन को सहिष्णुता और क्रूरता का मिश्रण कहा गया है, जिसमें चित्तौड़गढ़ पर हमले में 30,000 नागरिकों की हत्या का जिक्र है। औरंगजेब को मंदिर और गुरुद्वारे नष्ट करने वाले शासक के रूप में चित्रित किया गया है। किताब में जजिया कर को भी इस्लाम अपनाने के लिए प्रोत्साहन के रूप में बताया गया है।
NCERT की चुप्पी और विवाद की आशंका
NCERT ने इन बदलावों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। किताबें बाजार में आ चुकी हैं, लेकिन बदलावों के पीछे के तर्क पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया दृष्टिकोण इतिहास को अधिक पारदर्शी तरीके से पेश करता है, लेकिन इससे विवाद भी हो सकता है। NCERT ने विवाद से बचने के लिए किताब में एक नोट जोड़ा है, जिसमें कहा गया है कि अतीत की घटनाओं के लिए आज किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
नई शिक्षा नीति और पिछले बदलाव
ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF-SE) 2023 के तहत किए गए हैं। पहले दिल्ली सल्तनत और मुगल काल का इतिहास कक्षा 7 में पढ़ाया जाता था, लेकिन अब इसे कक्षा 8 में शामिल किया गया है। पिछले साल NCERT ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और वीर अब्दुल हमीद जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में जोड़ा था। नई किताब में इतिहास, भूगोल, और नागरिक शास्त्र को एक साथ समेटा गया है, जो छात्रों को व्यापक दृष्टिकोण देता है।
