26.1 C
Delhi
शनिवार, जून 3, 2023
spot_imgspot_img

खेलने की उमर में उठा ले गए नक्सली, हाथ में थमा दी गन और अब बोर्ड परीक्षा में पास हुई राजुला की कहानी

Click to Open

Published on:

Click to Open

Maharashatar News: वो साल 2015 था जब खेलना ही पूरी दुनिया थी, ज्यादा समझ नहीं थी. अचनाक कुछ नक्सली आए और 13 साल की राजुला को अगवा करके ले गए. खेल-खिलौनों और किताबों की जगह हाथ में बंदूक पकड़ा दी गई.

बोर्ड रिजल्ट जारी होने के बाद छात्रों के संघर्ष, मेहनत और कामयाबी की कहानियां सूर्खियों बटोर रही हैं. लेकिन आज हम आपको उस लड़की के बारे में बता रहे हैं जिसने 12वीं क्लास में केवल पासिंग मार्क्स ही हासिल किए हैं, मगर उसके पीछे संघर्ष ऐसा रहा जिससे जानकर शायद आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. 13 साल की उम्र में नक्सलियों ने अगवा किया, हथियार उठाने पर मजबूर हुई, नक्सली आंदोलन में शामिल होना पड़ा और न जाने कितनी तकलीफें उठाने पड़ी जिनका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

Click to Open

हम बात कर रहे हैं राजुला हिडामी की. राजुला की उम्र अब 21 वर्ष है और उन्होंने महाराष्ट्र बोर्ड एचएससी 12वीं परीक्षा 40 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है. राजुला ने एचएससी में 600 में से 275 अंक हासिल किए, जिसमे ईतिहास विषयमें सर्वाधिक (64) अंक हैं. 

13 साल की उम्र में उठा ले गए थे नक्सली

वो साल 2015 था जब खेलना ही पूरी दुनिया थी, ज्यादा समझ नहीं थी. अचनाक कुछ नक्सली आए और 13 साल की राजुला को अगवा करके ले गए. खेल-खिलौनों और किताबों की जगह हाथ में बंदूक पकड़ा दी गई. पढ़ाई करने के समय में नक्सली आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया गया. कोरची-कुरखेड़ा-खोबरामेंडा दलम (केकेके) के साथ आंदोलन के दौरान नक्सलियों ने उन्हें हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया. वह सुरक्षा बलों के साथ एक बडी मुठभेड़ में शामिल थी और उसके खिलाफ नौ अपराध दर्ज हैं.

आत्मसमर्पण के बाद ऐसे बदली किस्मत

साल 2018 यानी 16 साल की उम्र में बहुत कुछ देख लिया था. नक्सलियों के बीच रहना और उनकी बात मानना मजबूरी बन गया था. लेकिन इसी साल गोंदिया पुलिस के सामने कई नक्सलियों के साथ राजुला ने आत्मसमर्पण किया. इसके बाद  नक्सली लड़की की जिंदगी में एक बार फिर नया बदलाव आया. गोंदिया पुलिस ने उसकी मदद की और फिर से पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया. वह स्कूल लौट आई और अपनी शिक्षा शुरू की. 

अब पुलिस अधिकारी बनने का सपना

महाराष्ट्र बोर्ड 12वीं के घोषित नतीजों में  आदिवासी लड़की राजुला ने बड़ी सफलता हासिल की है. उसका मार्गदर्शन करने वाले गोंदिया पुलिस कर्मियों के अनुसार, वह अब एक पुलिस अधिकारी बनना चाहती है. हथियार डालने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू करने के बाद राजुला ने 40 प्रतिशत अंकों के साथ एसएससी की परीक्षा पास की. 12वीं की परीक्षा में उसकी सफलता से गोंदिया के देवरी नक्सल सेल के उसके मेंटर काफी खुश हैं. औरंगाबाद में तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) संदीप अटोले ने कहा, “वह मेरे परिवार के लिए एक गोद ली हुई बच्ची की तरह थी. हमने पहली बार 8वीं कक्षा में उसे देवरी के एक स्कूल में भर्ती कराया था.”

देवरी नक्सल सेल के एक कॉन्स्टेबल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी यूनिट की पुलिस ने राजुला और अन्य लोगों को हॉस्टल में पढ़ने में मदद की. “राजुला अब MSCIT कर रही है और पुलिस भर्ती प्रशिक्षण ले रही है. उसका सपना सब-इंस्पेक्टर बनने का है. राजुला को एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

Click to Open

Your Comment on This News:

Latest news
Click to Openspot_img
Related news
Please Shere and Keep Visiting us.
Click to Open