Religious News: नवरात्रि के नौ दिवसीय व्रत की शुरुआत हो चुकी है। भक्त इन दिनों मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। व्रत के दौरान खानपान संबंधी विशेष नियमों का पालन किया जाता है। यह जानना जरूरी है कि व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
व्रत की शुरुआत घटस्थापना और संकल्प लेने के साथ होती है। भक्त मिट्टी में जौ बोते हैं और कलश स्थापित करते हैं। पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है। नियमित पूजा और आरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाता है।
व्रत में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ
व्रत के दौरान फलों का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। दूध और दही से बने उत्पाद भी खाए जा सकते हैं। साबूदाना, सिंघाड़े का आटा और राजगिरा के व्यंजन बनाए जाते हैं। सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है।
आलू, शकरकंद और अरबी जैसी सब्जियां व्रत में खाई जा सकती हैं। मूंगफली और ड्राई फ्रूट्स ऊर्जा के अच्छे स्रोत हैं। इनसे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता रहता है। व्रत के दौरान संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है।
व्रत में परहेज करने वाले खाद्य पदार्थ
सामान्य अनाज जैसे गेहूं और चावल का सेवन वर्जित होता है। लहसुन और प्याज से बनी किसी भी चीज से परहेज करना चाहिए। सफेद नमक के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए। मसूर और चना दाल का सेवन नहीं किया जाता।
मांसाहारी और तामसिक भोजन से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। इन चीजों का सेवन व्रत के नियमों के विपरीत माना जाता है। व्रत की पवित्रता बनाए रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
व्रत के दौरान भोजन की आवृत्ति
व्रत में भोजन करने की कोई निश्चित संख्या नहीं होती। यह व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। कुछ लोग दिन में एक या दो बार फलाहार करते हैं। कुछ लोग अपनी सुविधा के अनुसार अधिक बार भोजन कर सकते हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहना बेहतर होता है। बीच में जूस या छाछ जैसे पेय पदार्थ लेते रहना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। दिनभर में कम से कम आठ गिलास पानी पीना चाहिए।
व्रत के दौरान संतुलित आहार और उचित देखभाल जरूरी है। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। भक्ति भाव के साथ व्रत पूरा करने में सहायता मिलती है। उचित प्लानिंग से व्रत आसानी से पूरा किया जा सकता है।
