Vindhyachal News: शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मंगलवार को विंध्याचल धाम में भक्ति की अद्भुत छटा देखने को मिली। मां विंध्यवासिनी के दरबार को भक्तों के जयकारों से गूंजता देखा गया। भक्तों ने मां ब्रह्मचारिणी के दिव्य रूप के दर्शन के लिए धाम की गलियों में लंबी कतारें लगाईं। मंदिर परिसर में मां का भव्य श्रृंगार आकर्षण का केंद्र रहा।
भोर में ही मां की मंगला आरती के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया था। आरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। न्यू वीआईपी रोड और सदर बाजार की गलियों से भक्त जयकारे लगाते हुए मंदिर की ओर बढ़ते नजर आए। सभी की इच्छा मां के दर्शन का पुण्य प्राप्त करने की थी।
मां विंध्यवासिनी को ब्रह्मचारिणी के रूप में सजाया गया था। उनके श्रृंगार में गुड़हल, गुलाब और कमल के फूलों का उपयोग किया गया। रत्नजड़ित आभूषणों ने मां के दर्शन को और भी मनमोहक बना दिया। भक्तों ने मां के इस स्वरूप को देखकर अपने आप को धन्य महसूस किया।
भक्तों का उत्साह
पूरे दिन मंदिर परिसर में भक्तों का जमावड़ा रहा। लोगों ने पहले घाटों पर स्नान किया। इसके बाद उन्होंने मंदिर में दर्शन किए। दर्शन के बाद कई भक्तों ने मंदिर के गुंबद की परिक्रमा की। इससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति का एहसास हुआ। सभी के चेहरे पर विश्वास और खुशी साफ देखी जा सकती थी।
देवी के अन्य रूपों की पूजा
भक्तों ने विंध्याचल धाम में स्थित अन्य मंदिरों में भी पूजा अर्चना की। अष्टभुजा पहाड़ पर स्थित महाकाली मंदिर और अष्टभुजी देवी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोगों ने देवी के सामने सिर झुकाकर सुख और समृद्धि की कामना की। मंदिरों को फूलों से सजाया गया था।
नवरात्रि के त्योहार में विंध्याचल धाम का महत्व और बढ़ जाता है। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि मां विंध्यवासिनी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी विश्वास के साथ लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। इस बार भी नवरात्र के नौ दिनों में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
