New Delhi News: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को एक बड़ी राहत दी है। नए लेबर कोड (New Labour Code) के तहत अब Naukri छोड़ने पर लंबा इंतजार नहीं करना होगा। कंपनियों को अब इस्तीफा देने या निकाले जाने के 2 दिन के भीतर फुल एंड फाइनल (Full and Final) सेटलमेंट करना होगा। यह नियम 21 नवंबर, 2025 से प्रभावी हो गया है।
पुराने सिस्टम से मिली आजादी
पुराने नियमों में कर्मचारियों को अपना पैसा पाने के लिए 30 से 45 दिन रुकना पड़ता था। कंपनियां अक्सर अगले महीने की पे-रोल साइकिल का इंतजार करती थीं। इससे जॉब बदलने वालों को पैसों की तंगी झेलनी पड़ती थी। कोड ऑन वेजेज, 2019 ने इस सिस्टम को पूरी तरह बदल दिया है। अब एम्प्लॉयर्स को सख्त टाइमलाइन का पालन करना ही होगा।
2 दिन में चुकाना होगा पूरा हिसाब
नया नियम इस्तीफा, छंटनी या बर्खास्तगी जैसे सभी मामलों पर लागू होता है। कानून के मुताबिक, कर्मचारी के आखिरी वर्किंग डे के दो कामकाजी दिनों के भीतर भुगतान अनिवार्य है। इसमें आपकी Naukri की आखिरी सैलरी और अन्य बकाया शामिल हैं। हालांकि, ग्रेच्युटी जैसे कुछ वैधानिक भुगतान इसमें शामिल नहीं हो सकते हैं। पहले कंपनियां 30 दिनों की कानूनी समय-सीमा का सहारा लेती थीं।
सभी कर्मचारियों के लिए एक समान नियम
यह कानून हर स्तर के कर्मचारी पर समान रूप से लागू होगा। इसमें सैलरी लिमिट या पद का कोई बंधन नहीं है। कानूनी जानकारों के अनुसार, वेज कोड का सेक्शन 17(2) कंपनियों की जिम्मेदारी तय करता है। यह बदलाव कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। पहले कंपनियां अपनी सुविधानुसार भुगतान करती थीं, लेकिन अब पुरानी सैलरी लिमिट व्यवस्था खत्म कर दी गई है।
कंपनियों की जवाबदेही बढ़ी
इस बदलाव से कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी। नई Naukri जॉइन करते समय अब पुराने पैसों के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह नियम एम्प्लॉयर्स की जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाता है। हालांकि, सरकार ने विशेष परिस्थितियों में टाइमलाइन एडजस्ट करने की थोड़ी छूट भी दी है। इससे लाखों कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
