Himachal News: हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक गेहूं के आटे और दलिए के दाम तय किए। हिमभोग प्राकृतिक गेहूं आटा 100 रुपये प्रति किलो बिकेगा। हिमभोग दलिया 115 रुपये प्रति किलो मिलेगा। सरकार ने 838 किसानों से 60 रुपये प्रति किलो पर 2123 क्विंटल गेहूं खरीदा। यह पहल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी। उत्पाद शहरी राशन डिपो में उपलब्ध होंगे।
प्राकृतिक गेहूं की खरीद
हिमाचल सरकार ने पहली बार प्राकृतिक गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा। 838 किसानों से 2123 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। इसके लिए 60 रुपये प्रति किलो का दाम दिया गया। किसानों के खातों में 1.31 करोड़ रुपये हस्तांतरित हुए। परिवहन के लिए 4.15 लाख रुपये का उपदान भी दिया गया। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा।
दामों में बड़ा अंतर
सामान्य गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 24.25 रुपये प्रति किलो है। हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक गेहूं के लिए 60 रुपये तय किया। इसमें 35.75 रुपये प्रति किलो का अंतर है। यह प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की रणनीति है। प्राकृतिक गेहूं का आटा और दलिया शहरी राशन डिपो में बिकेगा। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद मिलेंगे।
प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
प्रदेश में 3.06 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लिया। 3,584 ग्राम पंचायतों की 38,437 हेक्टेयर भूमि इसके दायरे में है। 2.22 लाख से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इस साल 1 लाख और किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है। 88 विकास खंडों के 59,068 किसानों ने पंजीकरण कराया। यह पहल पर्यावरण और किसानों के लिए फायदेमंद है।
जौ की खरीद की योजना
पांगी क्षेत्र में सितंबर के अंतिम सप्ताह से जौ की खरीद शुरू होगी। सरकार 40 टन जौ 60 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेगी। यह प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का हिस्सा है। इससे स्थानीय किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
हिमभोग ब्रांड की शुरुआत
हिमभोग ब्रांड के तहत प्राकृतिक मक्की का आटा पहले से बिक रहा है। अब प्राकृतिक गेहूं का आटा और दलिया भी शामिल हुआ। यह उत्पाद शहरी राशन डिपो में उपलब्ध होंगे। हिमभोग ब्रांड प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देता है। इससे उपभोक्ताओं को रासायनिक मुक्त उत्पाद मिलेंगे। यह पहल किसानों और ग्राहकों दोनों के लिए लाभकारी है।
कृषि विभाग की भूमिका
कृषि विभाग के सचिव सी पाल रासु की अध्यक्षता में दाम तय हुए। उन्होंने कहा कि यह कदम प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देगा। हिमभोग आटा और दलिया की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए सस्ती रखी गईं। यह पहल किसानों की आय बढ़ाएगी। साथ ही, प्राकृतिक उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी।
किसानों को लाभ
प्राकृतिक खेती से किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं। सामान्य गेहूं की तुलना में प्राकृतिक गेहूं का मूल्य ज्यादा है। सरकार की खरीद नीति से किसानों का भरोसा बढ़ा। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी। प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले किसानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
