Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा के 14 दिन बाद सराज घाटी के स्कूल फिर से खुल गए। सोमवार को करीब 100 प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुई। हालांकि, 9 स्कूल भारी नुकसान के कारण बंद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बगस्याड़ स्कूल का दौरा कर बच्चों का हौसला बढ़ाया। तीन छात्र अभी भी लापता हैं।
बच्चों में खुशी और दुख का मिश्रण
स्कूलों के फिर से खुलने से बच्चों में उत्साह है, लेकिन आपदा की मार ने उनके मन को दुखी किया है। छात्रा कृतिका ने कहा कि स्कूल खुलने की खुशी है, लेकिन स्कूलों की खराब हालत देखकर दुख होता है। छात्र शशांक ठाकुर ने भी यही भावना जताई। आपदा ने न केवल स्कूलों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि बच्चों के भविष्य पर भी सवाल उठाए हैं।
जयराम ठाकुर का दौरा
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को सराज के बगस्याड़ स्कूल का दौरा किया। उन्होंने बच्चों को स्कूल बैग और स्टेशनरी बांटी। ठाकुर ने बच्चों को मेहनत करने और भविष्य संवारने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद अब चुनौतियों से उबरने का समय है। ठाकुर ने सरकार से प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित राहत की मांग भी की।
बंद स्कूल और लापता छात्र
सराज घाटी में 9 स्कूल अभी भी बंद हैं। इनमें खबलेच, बखलवार, बन्याड़, निहरी सुनाह, भलवार, रूहाड़ा, भुलाह, लामसाफड़ और नरैणधार शामिल हैं। शिक्षा अधिकारी इंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि लामसाफड़ के तीन छात्र लापता हैं। ये बच्चे आपदा में मलबे के साथ बह गए थे। उनकी तलाश जारी है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।
आपदा का प्रभाव
30 जून को सराज घाटी में बादल फटने और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में 27 लोगों की जान गई। सड़कें, बिजली, और पानी की व्यवस्था चरमरा गई। जयराम ठाकुर ने कहा कि सराज में नुकसान अभूतपूर्व है। उन्होंने सरकार से प्रभावितों के लिए जमीन और मुआवजे की व्यवस्था करने की अपील की। राहत कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है।
