Himachal News: हिमाचल प्रदेश के नाचन और सराज क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। बिजली बोर्ड को 16.02 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सराज क्षेत्र में सबसे अधिक क्षति हुई। बिजली विभाग ने दिन-रात मेहनत कर 115 गांवों में अस्थाई रूप से बिजली बहाल की। 30 जून और 1 जुलाई की रात हुई आपदा ने 80 हजार से अधिक लोगों को प्रभावित किया।
बिजली लाइनों और उपकरणों को भारी नुकसान
प्राकृतिक आपदा ने बिजली विभाग की व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया। 47,700 मीटर हाई टेंशन (एचटी) और 45,720 मीटर लो टेंशन (एलटी) लाइनें क्षतिग्रस्त हुईं। इन्हें अस्थाई रूप से ठीक किया गया। इसके अलावा, 55 ट्रांसफॉर्मर पूरी तरह खराब हो गए। विभाग ने 36 नए ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए, जबकि बाकी का काम जारी है। बिजली विभाग ने चुनौतियों के बावजूद तेजी से कार्य किया।
बिजली के खंभों को भी नुकसान
बाढ़ और भूस्खलन ने 684 बिजली के खंभों को नष्ट कर दिया। बिजली बोर्ड ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 700 नए खंभे लगाए। इस आपदा ने सराज और नाचन के कई गांवों में बिजली व्यवस्था को ठप कर दिया था। विभाग ने हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल की। कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर कार्य पूरा किया।
कर्मचारियों की मेहनत ने दिखाया रंग
बिजली विभाग के 15 अधिकारियों और 170 मजदूरों ने दिन-रात मेहनत की। खराब मौसम के बीच भी कर्मचारियों ने हिम्मत नहीं हारी। गोहर के अधिशासी अभियंता सुमीत चौहान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के बाद भी कर्मचारियों ने त्वरित कार्रवाई की। सभी 115 प्रभावित गांवों में अस्थाई बिजली व्यवस्था शुरू कर दी गई। यह प्रयास विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इन गांवों में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
सराज क्षेत्र के थुनाग, रोड़, शरण, सरैली, कथयाली, धंसाल, खेलधार, जुगांद, खुनागी, लेहथाच, भुलाह, जरोल, च्यूनी, चेत, घियार, डोभा, गुनास, शिकावरी, तुंगाधार, बेहल, थाच, भडीन, बाड़ा और औहण जैसे गांवों में प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। इन गांवों में बिजली व्यवस्था को अस्थाई रूप से बहाल किया गया है। विभाग अब स्थायी समाधान पर काम कर रहा है।
चुनौतियां अभी भी बरकरार
हालांकि बिजली बोर्ड ने अस्थाई व्यवस्था कर दी है, लेकिन स्थायी सुधार के लिए अभी और काम बाकी है। बरसात का मौसम चुनौतियां बढ़ा रहा है। बिजली विभाग के सामने क्षतिग्रस्त उपकरणों को पूरी तरह बदलने और व्यवस्था को मजबूत करने की जिम्मेदारी है। कर्मचारी और अधिकारी इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
