Himachal News: हिमाचल के थुनाग में 30 जून को आई प्राकृतिक आपदा ने कॉलेज छात्रों को डरा दिया। कई छात्र अभी तक नहीं लौटे। उनका सामान हॉस्टल और किराये के कमरों में है। अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। सरकार ने कॉलेज को दूसरी जगह शिफ्ट करने का फैसला लिया। छात्रों ने रातभर जागकर बिताई। प्रशासन ने परिवहन की सुविधा दी।
रात में शिफ्टिंग का डरावना अनुभव
छात्रा अनवी ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के बाद 30 जून की रात हॉस्टल से छात्राओं को दूसरे भवन में शिफ्ट किया गया। दृश्य डरावना था। छात्र रातभर जागे रहे। डर के माहौल में नींद नहीं आई। छात्रों ने कॉलेज को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की मांग की। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कदम उठाए। अधिक जानकारी के लिए हिमाचल सरकार देखें।
पैदल चले छात्र, संचार ठप
छात्रा दीक्षिता ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के बाद थुनाग में सड़कें बंद हो गईं। डरे हुए छात्रों ने 14 किलोमीटर पैदल चलकर कांग पहुंचे। अभिभावक वहां बच्चों को लेने आए। सरकार ने परिवहन की व्यवस्था की। संचार सेवाएं दो दिन तक ठप रहीं। अभिभावकों को बच्चों की चिंता सताती रही। सरकार ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।
अभिभावकों की चिंता
अभिभावक भूषण मेहता ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के बाद संचार सेवाएं ठप होने से बेटी से दो दिन तक संपर्क नहीं हुआ। अखबारों और सोशल मीडिया से घटना की जानकारी मिली। अभिभावक विमल भंडारी ने कहा कि थुनाग में बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। सरकार का कॉलेज शिफ्ट करने का फैसला सही है। अभिभावक बच्चों को वापस नहीं भेजना चाहते। सुरक्षा सर्वोपरि है।
