Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सराज में प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। करीब 400 घर पूरी तरह नष्ट हो गए, जबकि 600 घर रहने लायक नहीं बचे। सड़कें, बिजली और पानी की व्यवस्था ठप है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। ठाकुर के नेगी पर व्यक्तिगत बयान ने विवाद खड़ा किया। इस संकट में एकजुटता की जरूरत है।
पुनर्वास की बड़ी चुनौती
सराज में प्राकृतिक आपदा ने सैकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया। 400 घर पूरी तरह तबाह हुए, और 600 घर जर्जर हो गए। पुनर्वास की राह में सबसे बड़ी चुनौती इन परिवारों को नया आशियाना देना है। ठाकुर ने केंद्र से मदद की अपील की, जबकि नेगी ने राहत कार्यों को तेज करने का वादा किया। प्रभावित लोग सरकार और समाजसेवी संगठनों के सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं।
बुनियादी ढांचे को बहाल करने की जरूरत
आपदा ने सड़कों, बिजली और पानी की व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। 241 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हैं। सरकार ने युद्धस्तर पर बहाली शुरू की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सात करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की। विभागों को सड़कों और पुलों की डीपीआर जल्द तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बहाल करना प्राथमिकता है।
राजनीतिक एकता की अपील
इस आपदा ने सराज के लोगों को गहरे जख्म दिए। जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से बात कर सेना और एनडीआरएफ की मदद सुनिश्चित की। हालांकि, उनके नेगी पर व्यक्तिगत बयान की आलोचना हो रही है। आम आदमी पार्टी के युवा नेता पवन कुमार ने कहा कि यह समय आपसी विवाद का नहीं, बल्कि एकजुट होकर राहत कार्य करने का है। समाजसेवी संगठनों का योगदान भी सराहनीय रहा।
राहत कार्यों में तेजी की मांग
सरकार ने राहत कार्यों को गति दी है। सुक्खू और ठाकुर ने संयुक्त रूप से थुनाग का दौरा किया। ठाकुर ने सरकार की धीमी प्रतिक्रिया की आलोचना की, जबकि नेगी ने थुनाग कॉलेज के छात्रों को सुंदरनगर शिफ्ट करने का फैसला लिया। प्रभावित परिवारों को 5,000 रुपये मासिक किराये की सहायता दी जा रही है। लोग जल्द बहाली की उम्मीद कर रहे हैं।
