India News: दूरसंचार विभाग ने नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है। इस नीति का लक्ष्य 2030 तक 10 लाख नई नौकरियां पैदा करना और टेलीकॉम सेक्टर में हर साल एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना है। यह नीति भारत को 5G, 6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्वांटम कम्युनिकेशन, सैटेलाइट नेटवर्क और ब्लॉकचेन जैसी उभरती तकनीकों में दुनिया के शीर्ष 10 हब में शामिल करने पर केंद्रित है।
यूनिवर्सल कनेक्टिविटी और जीडीपी में योगदान
नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी 2025 का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक के लिए यूनिवर्सल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही टेलीकॉम सेक्टर का भारत की जीडीपी में योगदान दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। नीति में 6 रणनीतिक मिशन शामिल हैं, जो कनेक्टिविटी, इनोवेशन, मैन्युफैक्चरिंग, नेटवर्क सुरक्षा, बिजनेस में सुगमता और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर देते हैं।
भारत बनेगा टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग हब
यह नीति भारत को टेलीकॉम प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में काम करेगी। ड्राफ्ट में रिसर्च, वर्कफोर्स की स्किल डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिकीकरण के लिए निवेश का रोडमैप तैयार किया गया है। स्मार्ट सिटी, इंडस्ट्री 4.0, ग्रामीण ब्रॉडबैंड, आपातकालीन सेवाओं और डिजिटल गवर्नेंस के लिए स्पेक्ट्रम मैनेजमेंट पर भी जोर दिया गया है।
टेलीकॉम निर्यात और स्टार्टअप को बढ़ावा
नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी 2025 में टेलीकॉम प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, टेलीकॉम स्टार्टअप की संख्या और उभरती तकनीकों के लिए रिसर्च व डेवलपमेंट पर खर्च को भी दोगुना किया जाएगा। 6G तकनीक से संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकारों में 2030 तक 10% वैश्विक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक इनोवेशन केंद्रित नॉन-प्रॉफिट कंपनी बनाई जाएगी।
रिसर्च और इनोवेशन के लिए नई पहल
इस नीति के तहत सरकार एक सॉवरेन पेटेंट फंड स्थापित करेगी। इसका मकसद टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के लिए स्टैंडर्ड पेटेंट पूल तैयार करना है। साथ ही, शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में 30 अत्याधुनिक रिसर्च लैब और भारतीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT2) की स्थापना की जाएगी। ये कदम उद्योग के लिए कुशल प्रतिभाओं को तैयार करने और अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।
सुझावों के लिए 21 दिन का समय
दूरसंचार विभाग ने इस ड्राफ्ट पर विभिन्न पक्षों से 21 दिनों के भीतर सुझाव मांगे हैं। यह नीति न केवल भारत को डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रमुख उपभोक्ता बनाएगी, बल्कि टेलीकॉम प्रोडक्ट्स, सर्विसेज और सॉल्यूशंस के मामले में वैश्विक प्रदाता के रूप में भी स्थापित करेगी।
