बुधवार, दिसम्बर 24, 2025

नेशनल हाईवे: सड़क किनारे लगे पत्थरों के रंग का क्या है मतलब? जान लेंगे तो सफर होगा आसान

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New Delhi News: भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क है। अक्सर सफर करते समय हमें सड़क किनारे अलग-अलग रंग के पत्थर या माइलस्टोन दिखाई देते हैं। ये पत्थर सिर्फ दूरी नहीं बताते हैं। इनके पीछे एक ‘सीक्रेट कोड’ छिपा होता है। अगर आप नेशनल हाईवे या गांव की सड़क पर हैं, तो ये पत्थर आपको सही लोकेशन बताते हैं। इन रंगों को पहचानना आपकी सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।

पीले पत्थर का मतलब

अगर आपको सड़क किनारे पीले रंग की पट्टी वाला पत्थर दिखे, तो आप नेशनल हाईवे पर चल रहे हैं। ये सड़कें एक राज्य को दूसरे राज्य से जोड़ती हैं। इनका रखरखाव केंद्र सरकार की संस्था NHAI करती है। आपको बता दें कि भारत में नेशनल हाईवे पूरे रोड नेटवर्क का सिर्फ 2 फीसदी हैं। इसके बावजूद ये देश का 40 फीसदी से ज्यादा ट्रैफिक संभालते हैं।

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हरे रंग का संकेत

सड़क किनारे हरे रंग की पट्टी वाले पत्थर का मतलब स्टेट हाईवे होता है। ये सड़कें राज्य के भीतर अलग-अलग जिलों को आपस में जोड़ती हैं। साथ ही ये सड़कें आपको नेशनल हाईवे तक पहुंचाती हैं। इनकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार के PWD विभाग की होती है। अगर आपकी गाड़ी यहां खराब होती है, तो राज्य प्रशासन आपकी मदद करेगा।

काला, नीला या सफेद पत्थर

सफर के दौरान जब पत्थर का रंग काला, नीला या पूरी तरह सफेद हो जाए, तो सावधान हो जाएं। इसका मतलब है कि आप किसी बड़े शहर या जिले की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। ये सड़कें जिले के कस्बों को शहर के मुख्य केंद्र से जोड़ती हैं। इनका प्रशासन स्थानीय नगर निगम या जिला परिषद के हाथों में होता है।

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नारंगी रंग और गांव की सड़क

गांवों की सड़कों पर आपको अक्सर नारंगी रंग की पट्टी वाले पत्थर मिलेंगे। यह रंग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) को दर्शाता है। यह इस बात का संकेत है कि आप किसी गांव की ओर बढ़ रहे हैं। इन सड़कों का निर्माण गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए किया जाता है।

क्यों जानना है जरूरी?

यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान नहीं है। यह आपातकालीन स्थिति में बहुत काम आती है। अगर कभी एक्सीडेंट हो जाए, तो पत्थर का रंग देखकर आप सही विभाग को अपनी लोकेशन बता सकते हैं। नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर सुविधाएं बाकी सड़कों के मुकाबले ज्यादा व्यवस्थित होती हैं। रंगों की पहचान से आप रास्ता भटकने से भी बच सकते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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