Himachal Pradesh News: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने हिमाचल प्रदेश में एक नई तकनीकी पहल शुरू की है। इसके तहत कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं। यात्री इन कोड को स्कैन कर हर जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को ध्यान में रखकर शुरू की गई है।
इस फोरलेन पर तीन दर्जन से अधिक क्यूआर कोड स्थापित किए गए हैं। ये कोड बिलासपुर जिले की सीमा गड़ामोड़ा से नेरचौक तक लगाए गए हैं। पूरे हिमाचल प्रदेश में अभी यह सुविधा सिर्फ इसी राजमार्ग पर उपलब्ध है। इससे यह परियोजना राज्य के लिए एक मिसाल बन गई है।
आपातकाल में स्कैन करें और तुरंत पाएं मदद
यह व्यवस्थारात के समय और खराब मौसम में विशेष रूप से उपयोगी साबित होगी। यदि कोई वाहन चालक फंस जाए या वाहन खराब हो जाए तो उसे भटकना नहीं पड़ेगा। बस क्यूआर कोड स्कैन करने से ही सभी जरूरी हेल्पलाइन नंबर और सहायता केंद्रों की जानकारी मिल जाएगी।
इसी तरह किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में भी यह सुविधा काम आएगी। स्कैन करते ही नजदीकी अस्पताल और मेडिकल स्टोर का पता चल जाएगा। यात्री सीधे संबंधित विभाग या पुलिस से संपर्क कर सकेंगे। इससे कीमती समय बचेगा और त्वरित सहायता मिल सकेगी।
कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का है विशेष महत्व
यह फोरलेन हिमाचल प्रदेश काएक व्यस्त और महत्वपूर्ण मार्ग है। यह मार्ग पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से आने वाले पर्यटकों के लिए भी अहम है। ये पर्यटक मंडी, कुल्लू-मनाली और लाहुल-स्पीति जाने के लिए इसी रास्ते का उपयोग करते हैं।
इसलिए इस मार्ग पर डिजिटल सुविधा शुरू करना एक स्मार्ट कदम है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। साथ ही ट्रैफिक प्रबंधन भी अधिक प्रभावी हो सकेगा। यात्रियों को एक सुरक्षित और सूचना समृद्ध अनुभव प्राप्त होगा।
क्यूआर कोड स्कैन करने पर क्या मिलेगा?
इस कोड कोस्कैन करने पर हाईवे से जुड़ा संपूर्ण विवरण मिलेगा। टोल प्लाजा की दूरी और उसकी जानकारी भी उपलब्ध होगी। टोल मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर और रेजीडेंट इंजीनियर के मोबाइल नंबर भी दिखाई देंगे। राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर तक पहुंच आसान होगी।
नजदीकी पुलिस थाने और पुलिस हेल्पलाइन की जानकारी भी मिलेगी। नजदीकी अस्पतालों की सूची और उनके संपर्क नंबर भी उपलब्ध होंगे। मेडिकल स्टोर और पेट्रोल पंप की लोकेशन का पता चल सकेगा। यह सभी जानकारी एक ही जगह पर एकत्रित होगी।
ई-चार्जिंग स्टेशन और वाहन सर्विस प्वाइंट की जानकारी भी शामिल है। टायर पंचर रिपेयर की दुकानों का विवरण भी मिलेगा। ट्रक ले-बाय और रेस्ट एरिया के बारे में भी बताया जाएगा। शौचालय सुविधाओं और साइड एमेनिटीज की जानकारी भी दी जाएगी।
नजदीकी रेस्तरां और ढाबों की लोकेशन भी बताई जाएगी। आसपास के शहरों और कस्बों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। इस तरह यह क्यूआर कोड एक संपूर्ण यात्रा सहायक की तरह काम करेगा। यह यात्रा को सुगम और तनावमुक्त बनाने में मदद करेगा।
एनएचएआई अधिकारी ने दी जानकारी
एनएचएआई केपरियोजना निदेशक वरुण चारी ने इस पहल के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फोरलेन पर क्यूआर स्कैन कार्ड लगाए गए हैं। यात्री इन्हें स्कैन कर परियोजना की सारी जानकारी अपने फोन पर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह सुविधा यात्रियों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो रही है।
यह पहल दर्शाती है कि तकनीक का उपयोग कर सार्वजनिक सेवाओं को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। भविष्य में अन्य राजमार्गों पर भी इस तरह की सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं। इससे देश भर में सड़क यात्रा सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक बनेगी।
