शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

राष्ट्रीय पुरस्कार: हिमाचल फोरेंसिक सर्विसेज ने डिजिटल फोरेंसिक में उत्कृष्टता के लिए जीता सम्मान

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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश फोरेंसिक सर्विसेज ने एक बड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। डायरेक्टरेट ऑफ फोरेंसिक सर्विसेज को डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से सम्मान मिला। यह पुरस्कार बेस्ट कैपेसिटी बिल्डिंग इन डिजिटल फोरेंसिक्स श्रेणी में दिया गया। संस्था को राष्ट्रीय अंतिम चयन के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।

पुरस्कार समारोह पांच दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित हुआ। वार्षिक सूचना सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान यह सम्मान दिया गया। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनी ने पुरस्कार प्रदान किया। डायरेक्टरेट की निदेशक डॉ मीनाक्षी महाजन ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा

देश भर कीलगभग साठ फोरेंसिक संस्थाओं ने इस मूल्यांकन में भाग लिया। राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला पुणे को भी फाइनलिस्ट घोषित किया गया। हिमाचल की संस्था तीसरे स्थान पर रही।

यह उपलब्धि राज्य के लिए बहुत गौरवपूर्ण है। इससे प्रदेश देश की शीर्ष राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं में शामिल हो गया। डिजिटल फोरेंसिक क्षमता निर्माण में तेज विकास दर्शाया गया। संस्था की मेहनत और प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।

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डेटा सुरक्षा परिषद भारत देश में साइबर सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देती है। इसकी वेबसाइट के अनुसार यह उद्योग और सरकार के बीच एक सेतु का काम करती है। उत्कृष्टता पुरस्कार संगठनों की क्षमता को मान्यता देने के लिए दिए जाते हैं।

वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरी

डायरेक्टरेट ऑफ फोरेंसिक सर्विसेज कीमजबूती उसके गुणवत्ता मानकों में है। मुख्यालय और क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं एनएबीएल मानकों से मान्यता प्राप्त हैं। धर्मशाला और मंडी स्थित प्रयोगशालाएं वैश्विक दक्षता के मानक पर खरी उतरती हैं। फिंगरप्रिंट ब्यूरो भी इन्हीं मानकों के अंतर्गत काम करता है।

संस्था नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रवीणता परीक्षण में भाग लेती है। अंतर-प्रयोगशाला तुलना कार्यक्रमों में भी संस्था सक्रिय रहती है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और हांगकांग की प्रयोगशालाओं के साथ काम होता है। स्पेन की सरकारी प्रयोगशालाओं के साथ भी तकनीकी सहयोग है।

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यह सहयोग तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रमाणित करता है। आधुनिक अपराधों की जांच के लिए ऐसी क्षमता जरूरी है। डिजिटल सबूतों के विश्लेषण में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। हिमाचल प्रदेश ने इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल फोरेंसिक आधुनिक न्याय प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। साइबर अपराधों और डिजिटल साक्ष्य के युग में इसकी भूमिका बहुत अहम है। राज्य स्तर पर मजबूत व्यवस्था न्याय वितरण को प्रभावी बनाती है।

इस पुरस्कार से संस्था के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। भविष्य में और अधिक उन्नत सेवाएं प्रदान करने की प्रेरणा मिलेगी। राज्य की न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत आधार मिलेगा। डिजिटल अपराधों से निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी।

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