Himachal News: हिमाचल प्रदेश के झंडूता विधानसभा क्षेत्र में पनौल-जेजवीं मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड पर बन रहा नंद-नगरांव स्टील सस्पेंशन ब्रिज जल्द पूरा होने वाला है। यह 387 मीटर लंबा पुल राज्य का सबसे बड़ा स्टील सस्पेंशन ब्रिज है। इसके दोनों छोर आपस में जुड़ चुके हैं। यह पुल गोविंद सागर के बैक वाटर पर बन रहा है। इसका निर्माण कार्य जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
विधायक ने किया पुल का निरीक्षण
झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल ने बुधवार को नंद-नगरांव ब्रिज का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे तकनीकी कौशल का शानदार नमूना बताया। कटवाल ने कहा कि यह पुल कोटधार जैसे पिछड़े क्षेत्र को झंडूता से जोड़ेगा। इससे क्षेत्र की दूरी 15 किलोमीटर कम होगी। साथ ही, हमीरपुर और कांगड़ा से कीरतपुर साहिब का रास्ता भी 60 किलोमीटर छोटा होगा।
विकास के लिए गुणवत्ता पर जोर
विधायक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि यह नंद-नगरांव स्टील सस्पेंशन ब्रिज क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। कटवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गांवों और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए बजट भी बढ़ाया गया है।
बजट और निर्माण का विवरण
नंद-नगरांव ब्रिज का निर्माण 6 फरवरी 2021 को शुरू हुआ था। इसकी लागत लगभग 57 करोड़ रुपये है। पनौल-जेजवीं मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड के लिए सेंट्रल रोड फंड से 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कटवाल ने बताया कि उनके व्यक्तिगत प्रयासों से इस पुल के लिए बजट सुनिश्चित हुआ। यह हिमाचल में अपनी तरह का पहला स्टील सस्पेंशन ब्रिज है।
क्षेत्र के विकास में योगदान
झंडूता विधानसभा क्षेत्र में नंद-नगरांव ब्रिज के अलावा बागछाल कैंटीलीवर ब्रिज, कुटबांगड़ पेयजल योजना और 25 सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। ये सभी परियोजनाएं क्षेत्र के विकास को गति दे रही हैं। यह नंद-नगरांव स्टील सस्पेंशन ब्रिज झंडूता को जेजवीं से केवल 20-25 मिनट में जोड़ेगा। इससे स्थानीय लोगों को आवागमन में आसानी होगी।
