India News: नाग पंचमी 2 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन शिवलिंग पर विशेष पूजा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार, दूध, बेलपत्र और जल चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह पर्व सावन मास में नाग देवता की पूजा के लिए खास है। श्रद्धालु मंदिरों में विशेष अनुष्ठान करेंगे।
शिवलिंग पूजा का महत्व
नाग पंचमी पर शिवलिंग की पूजा से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। ज्योतिषी सलाह देते हैं कि दूध, दही और शहद से अभिषेक करें। बेलपत्र और धतूरा चढ़ाने से शुभ फल मिलता है। यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। नाग देवता की कृपा से जीवन में समृद्धि और शांति आती है। मंदिरों में विशेष तैयारियां शुरू हो गई हैं।
कालसर्प दोष से मुक्ति
कालसर्प दोष के कारण जीवन में बाधाएं आती हैं। नाग पंचमी पर शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाने से यह दोष कम होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, सावन में यह पूजा विशेष फलदायी है। श्रद्धालु नाग मंत्रों का जाप और हवन करते हैं। पूजा के दौरान सात्विक भोजन और स्वच्छता का ध्यान रखें। यह पर्व आध्यात्मिक शांति देता है।
पूजा की सामग्री
नाग पंचमी पर शिवलिंग पूजा के लिए दूध, दही, शहद, बेलपत्र और धतूरा जरूरी हैं। ज्योतिषी सलाह देते हैं कि सुबह स्नान के बाद पूजा करें। नाग मंत्रों का जाप करें और जल से अभिषेक करें। यह पूजा कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करती है। मंदिरों में श्रद्धालु विशेष अनुष्ठान और हवन की तैयारी कर रहे हैं।
