India News: नाग पंचमी 2 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन नाग देवता और शिवलिंग की पूजा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। सावन मास में यह पर्व विशेष महत्व रखता है। शुभ मुहूर्त सुबह 5:58 से 8:14 तक है। श्रद्धालु दूध, बेलपत्र और जल चढ़ाकर मंत्र जाप करते हैं। मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
पूजा विधि और सामग्री
नाग पंचमी पर सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। शिवलिंग पर दूध, दही, शहद और जल से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं। “ॐ नमः शिवाय” और नाग मंत्र का जाप करें। पूजा सामग्री में दूध, फूल, चंदन और प्रसाद शामिल करें। यह पूजा कालसर्प दोष को दूर करती है। सात्विक भोजन का ध्यान रखें।
शुभ मुहूर्त और मंत्र
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त सुबह 5:58 से 8:14 तक है। इस दौरान पूजा सर्वश्रेष्ठ फल देती है। “नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमन्तः” मंत्र का जाप करें। नाग देवता की मूर्ति या चित्र की पूजा करें। हवन और आरती से पूजा पूरी करें। यह पर्व आध्यात्मिक शांति और समृद्धि लाता है।
पर्व का महत्व
नाग पंचमी सावन शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है। यह पर्व नाग देवता और भगवान शिव को समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार, यह पूजा कालसर्प दोष और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। श्रद्धालु मंदिरों में विशेष अनुष्ठान करते हैं। पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। देशभर में मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।
