Dhaka News: अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस के एक पूर्व अधिकारी की मौत ने एक बड़ा रहस्य खड़ा कर दिया है। टेरेंस अरवेल्ले जैक्सन की अगस्त महीने में ढाका के एक होटल में लाश मिली थी। नई रिपोर्ट बताती है कि वह एक प्रशिक्षित सैन्य अधिकारी थे और बांग्लादेश में चार महीने से रुके हुए थे। इस दौरान उन्होंने कई संवेदनशील सैन्य ठिकानों का दौरा किया था।
जैक्सन ने भारत के मिजोरम राज्य से सटे चटगांव नेवल बेस सहित तीन जिलों की यात्रा की थी। पचास वर्षीय जैक्सन ने लगभग बीस साल तक अमेरिकी सेना में सेवा दी थी। वह विशेष सैन्य इकाई 160वीं स्पेशल ऑपरेशन एविएशन रेजिमेंट से जुड़े रहे थे। सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने एक निजी सुरक्षा कंपनी में काम शुरू किया था।
रिपोर्टों से पता चलता है कि जैक्सन की विशेष रुचि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में थी। चटगांव नेवल बेस उनकी यात्रा का एक अहम पड़ाव था। यह वह स्थान है जहाँ बांग्लादेशी नौसेना के युद्धपोत और पनडुब्बियाँ तैनात हैं। इस नेवल बेस का सामरिक महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह बंगाल की खाड़ी के नजदीक स्थित है।
उन्होंने बांग्लादेशी थल सेना के महत्वपूर्ण अड्डों का भी दौरा किया। इनमें जलालाबाद छावनी क्षेत्र भी शामिल है जहाँ पैरा कमांडो ब्रिगेड तैनात है। कुछ सूत्रों का दावा है कि जैक्सन ने बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया था। उनकी गतिविधियाँ सामान्य सैन्य आदान-प्रदान से कहीं अधिक लग रही थीं।
पीएम मोदी की सुरक्षा से जुड़े आरोप
जैक्सन की मृत्यु के बाद कई गंभीर आरोप सामने आए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश में शामिल था। इन रिपोर्ट्स के अनुसार इस साजिश को भारत और रूस ने मिलकर विफल कर दिया था। आरएसएस से जुड़ी वेबसाइट ऑर्गनाइजर ने भी इसी तरह के दावे प्रकाशित किए थे।
हालाँकि इन गंभीर आरोपों की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी सरकार ने इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वह यह स्पष्ट करने से बच रही है कि जैक्सन वास्तव में बांग्लादेश में क्या कर रहे थे। यह चुप्पी इस रहस्य को और गहरा बना रही है।
सेंट मार्टिन द्वीप पर अमेरिकी दबाव
विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना अमेरिका के व्यापक सामरिक हितों का हिस्सा हो सकती है। अमेरिका बांग्लादेश में सेंट मार्टिन द्वीप पर अपना सैन्य अड्डा बनाना चाहता है। यह द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित एक अत्यंत संवेदनशील स्थान है। इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना अमेरिकी रणनीति का हिस्सा है।
टेरेंस जैक्सन कोई साधारण सैन्य अधिकारी नहीं थे। उनके पास एशिया क्षेत्र में लंबा अनुभव था और उन्होंने यहाँ कई कमांड संभाली थीं। उनकी विशेषज्ञता को देखते हुए उनकी बांग्लादेश यात्रा को एक सामान्य दौरा नहीं माना जा सकता। उनकी गतिविधियाँ अमेरिकी सेना की बड़ी योजना का हिस्सा प्रतीत होती हैं।
कूटनीतिक रिश्तों पर प्रभाव
यह मामला अमेरिका, बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकता है। भारत अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को गंभीरता से लेता है। बांग्लादेश के सैन्य ठिकानों तक जैक्सन की पहुँच ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। यह घटना क्षेत्रीय सुरक्षा गठजोड़ों में नए बदलाव का संकेत देती है।
बांग्लादेश सरकार ने भी इस मामले में अभी तक कोई विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। एक विदेशी सैन्य अधिकारी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत कूटनीतिक संबंधों के लिए एक चुनौती पैदा करती है। इस घटना ने बांग्लादेश में अमेरिकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में यह मामला एक नया मोड़ ले सकता है।
