Uttar Pradesh News: मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र में रविवार रात यूपी एसटीएफ ने कुख्यात शार्पशूटर शाहरुख पठान को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। शाहरुख, संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी गैंग का सदस्य था। 50 हजार का इनामी बदमाश लूट और हत्या के कई मामलों में वांछित था। एसटीएफ ने घेराबंदी की, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। पुलिस ने हथियार और कार बरामद की।
मुठभेड़ की पूरी कहानी
मुजफ्फरनगर के बिजोपुरा चौराहे के पास जंगल में रविवार देर रात मुठभेड़ हुई। एसटीएफ मेरठ को शाहरुख पठान की लोकेशन मिली थी। टीम ने इलाके की घेराबंदी की। शाहरुख ने पुलिस पर 10 से अधिक राउंड फायर किए। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने उसे मार गिराया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में मृत घोषित किया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
शाहरुख का आपराधिक इतिहास
शाहरुख पठान खालापार, मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। उस पर हत्या, लूट और गैंगस्टर एक्ट के तहत एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। 2015 में उसने मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर असिफ जायदा की हत्या की थी। जेल में उसकी मुलाकात संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी से हुई। 2016 में वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। उसने 2017 में हरिद्वार के व्यापारी गोल्डी की हत्या की।
बरामद हुए हथियार और कार
एसटीएफ ने शाहरुख के पास से एक .30 बोर बरेटा पिस्टल, .32 बोर रिवॉल्वर, 9 एमएम देसी पिस्तौल, 60 से अधिक जिंदा कारतूस और एक बिना नंबर प्लेट की ब्रेजा कार बरामद की। यह कार उसके फरार होने में इस्तेमाल हो रही थी। पुलिस ने बताया कि शाहरुख जमानत पर रिहा होने के बाद गवाहों को धमकाने में सक्रिय था। उसकी गतिविधियां पश्चिमी यूपी में बढ़ रही थीं।
जमानत के बाद फिर सक्रियता
शाहरुख छह महीने पहले जमानत पर रिहा हुआ था। इसके बाद उसने फिर से आपराधिक गतिविधियां शुरू कर दीं। संभल में हाल ही में गवाहों को धमकाने और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। एसटीएफ उसकी तलाश में थी, लेकिन वह बार-बार चकमा देता था। रविवार को मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई की और उसे ढेर कर दिया।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
इस एनकाउंटर को यूपी पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है। शाहरुख पठान का खात्मा संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के गैंग के लिए झटका है। पुलिस के अनुसार, वह पश्चिमी यूपी में आपराधिक नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश में था। एसटीएफ की यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ का हिस्सा थी, जिसके तहत अपराधियों को पकड़ने के लिए पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया जाता है।
