Shimla News: राजधानी शिमला (Shimla) में लोग अपने घरों में रह रहे हैं या नहीं और घरों में रहने वाले कितने लोग कूड़े का शुल्क (Garbage Fee) नहीं दे रहे हैं। इसका पता नगर निगम शिमला (Shimla Nagar Nigam) के सुपरवाइजर शहर के हर घर जाकर ही लगाएंगे।
सुपरवाइजर को निगम प्रशासन ने पास मशीन दे दी है। मशीन में डेबिट व क्रेडिट कार्ड से कूड़ा शुल्क के भुगतान (Garbage Fee Payment) व फोटो खींचने की सुविधा होगी।
इससे ये पता लगाया जा सकेगा कि जो लोग यह कहते हैं कि हम घर में नहीं रहते हैं, सच है या नहीं। यदि ऐसा पाया जाता है तो ऐसे लोगों से जब से कूड़ा शुल्क शुरू हुआ है तभी से शुल्क वसूला जाएगा।
34 सुपरवाइजर को मिली मशीने
नगर निगम प्रशासन ने सैहब सोसायटी के 34 सुपरवाइजर को पास मशीन दे दी है। सुपरवाइजर को मशीन को घर-घर ले जाकर कूड़ा शुल्क की रिकवरी करनी होगी। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त भुवन शर्मा ने कहा कि यह हाईटेक मशीन है। इसमें फोटो खींचने तक की सुविधा भी है। घर पर ही लोग डेबिट, क्रेडिट कार्ड के साथ क्यूआर कोड से भुगतान कर सकेंगे।
बुजुर्गों को ऑनलाइन भुगतान में आती है दिक्कत
आनलाइन भुगतान में आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए सुविधा शुरू की है। राजधानी में अधिकतर बुजुर्ग अकेले रहते हैं लेकिन उन्हें ऑनलाइन भुगतान में दिक्कत आ रही थी। इसलिए वह भुगतान नहीं कर पा रहे थे और इनका कूड़ा शुल्क लगातार बढ़ रहा था। इसे खत्म करने के लिए निगम प्रशासन ने सुविधा शुरू की है। अब वे अपने घर पर ही किसी भी कार्ड या क्यूआर कोड को स्कैन करवा कर कूडे की फीस का भुगतान कर सकेंगे।
10 करोड़ रुपये से ज्यादा कूड़ा शुल्क लंबित
शहर में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कूड़ा शुल्क लंबित है। निगम प्रशासन ने इसकी रिकवरी दर को बढ़ाने के लिए कसरत तेज कर दी है, लेकिन हर बार निगम को इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिल रही है। इसलिए निगम प्रशासन ने अब नई व्यवस्था कर रिकवरी दर बढ़ाने का निर्णय लिया है।