Mumbai News: मुंबई के रेलवे फायरिंग मामले में नया खुलासा हुआ है। आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी पर आरोप है कि उसने एक बुर्का पहनी महिला यात्री को बंदूक की नोक पर ‘जय माता दी’ कहने के लिए मजबूर किया था। महिला गवाह ने सोमवार को अदालत में पेश होकर इस घटना का पूरा विवरण सुनाया। यह घटना जुलाई 2023 में चलती ट्रेन में हुई थी।
महिला ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वाईबी पठान के सामने अपनी गवाही दी। उसने बताया कि आरोपी ने पहले उसे धीरे बोलने पर धमकाया। चौधरी ने कहा कि अगर वह इस देश में रहना चाहती है तो उसे जोर से ‘जय माता दी’ कहना होगा। यह घटना ट्रेन में गोलीबारी की वारदात के दौरान हुई थी।
बंदूक छीनने की कोशिश
महिला गवाह ने अदालत को बताया कि जैसे ही चौधरी ने बंदूक तानकर धमकाया, उसने डरते हुए उसे पकड़कर ऊपर की ओर मोड़ा। उसने आरोपी की पहचान पर भी सवाल उठाया। लेकिन आरोपी ने साफ चेतावनी दी कि अगर उसने हथियार को दोबारा छुआ तो वह गोली मार देगा। इससे महिला में डर बैठ गया।
चौधरी पर यह आरोप है कि 31 जुलाई 2023 को उसने जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में गोलीबारी की। इस हमले में उसने अपने वरिष्ठ एएसआई टिकराम मीणा और तीन यात्रियों की हत्या कर दी। यह घटना महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास हुई थी। वारदात के बाद चौधरी को ट्रैक के पास पकड़ा गया।
महिला गवाह ने अभियोजन पक्ष के सवालों के जवाब में कहा कि आरोपी ने उसे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया क्योंकि उसने बुर्का पहन रखा था। बचाव पक्ष की जिरह के दौरान भी उसने अपने बयान से पलटने से इनकार कर दिया। उसने अपनी गवाही में दृढ़ता दिखाई।
महिला गवाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश आरोपी चौधरी की पहचान की। उसने कहा कि वही व्यक्ति है जिसने उसे धमकाया था। अदालत में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक सुधीर सापकले मौजूद थे। मामले की अगली सुनवाई का इंतजार है।
