Mumbai News: मुंबई पुलिस ने बॉम्बे डाइंग ग्रुप के चेयरमैन नुस्ली नेविल वाडिया समेत उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला तीन दशक पुराने एक डेवलपमेंट एग्रीमेंट से जुड़ा है। आरोप है कि वाडिया परिवार ने अदालती कार्यवाही के दौरान फर्जी दस्तावेज पेश किए। बोरीवली अदालत के आदेश के बाद बांगुर नगर पुलिस ने यह केस दर्ज किया।
इस मामले में नुस्ली वाडिया (81) के अलावा मॉरीन वाडिया (78), नेस वाडिया (54) और जहांगीर वाडिया (52) भी आरोपी हैं। कंपनी के सहयोगी एच. जे. बमजी (75), के. एफ. भरूचा और आर. ई. वांडेवाला (65) पर भी मामला दर्ज हुआ है। सभी पर धोखाधड़ी और जालसाजी के गंभीर आरोप लगे हैं।
तीन दशक पुराने जमीन सौदे से जुड़ा है मामला
यह विवाद मालाड स्थित एक भूखंड को लेकर है। यह जमीन वाडिया परिवार और फेरानी होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच डेवलपमेंट एग्रीमेंट का हिस्सा थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वाडिया परिवार ने वित्तीय लाभ उठाने के लिए नकली दस्तावेज बनाए। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल अदालती प्रक्रिया में किया गया।
पुलिस ने नई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराएं लगाई हैं। इनमें धारा 318(4), 331(2), 336(3), 339, 340(2), 61(2) और 3(5) शामिल हैं। ये सभी धाराएं गंभीर धोखाधड़ी, छल और नकली दस्तावेजों के इस्तेमाल से जुड़ी हुई हैं। जांच अधिकारी मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
वाडिया परिवार का कॉर्पोरेट जगत में ऊंचा स्थान
वाडिया परिवार भारतीय उद्योग जगत की एक प्रमुख हस्ती है। नेस वाडिया पहले आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक रह चुके हैं। नुस्ली वाडिया को उद्योग जगत की दिग्गज शख्सियत माना जाता है। इस हाई-प्रोफाइल केस ने कारोबारी और कानूनी हलकों में गहरी चर्चा शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। कोर्ट के निर्देशों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। यह मामला अदालत में लंबी कानूनी लड़ाई का रूप ले सकता है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जाएगी और सबूतों का विश्लेषण किया जाएगा।
