शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

मुकेश अंबानी की कंपनी ने उठाया बड़ा कदम, चीन से आयात होने वाले रबर पर डंपिंग की शिकायत

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Business News: भारतीय बाजार में चीनी सामान की डंपिंग का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। इस बार यह विवाद रबर उद्योग से जुड़ा हुआ है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी कंपनी ने चीन से आयात होने वाले रबर पर डंपिंग की शिकायत की है। सरकार ने इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है।

वाणिज्य मंत्रालय के व्यापार उपचार महानिदेशालय ने आधिकारिक जांच शुरू की है। यह जांच चीन से आयात होने वाले हेलो आइसोब्यूटेन और आइसोप्रीन रबर पर केंद्रित है। शिकायत रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स ने की है, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज और सिबुर की संयुक्त कंपनी है।

घरेलू उद्योग को नुकसान

रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स नेअपनी शिकायत में कहा है कि चीन इन उत्पादों को भारत में बहुत कम कीमतों पर बेच रहा है। इससे घरेलू रबर उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। कृत्रिम रूप से कम कीमतों के कारण भारतीय कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया है।

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कंपनी ने सरकार से अनुरोध किया है कि चीन से होने वाले इस आयात पर तत्काल डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जाए। इससे बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। घरेलू उत्पादकों को भी राहत मिलेगी।

ऑटोमोबाइल उद्योग पर प्रभाव

इस रबर कामुख्य उपयोग मोटर वाहन उद्योग में होता है। कार, मोटरसाइकिल, बस और ट्रक के टायरों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। कई अन्य महत्वपूर्ण पुर्जों में भी इस रबर का उपयोग होता है। इसलिए यह मामला पूरे ऑटोमोबाइल सेक्टर को प्रभावित कर सकता है।

यदि घरेलू उद्योग बंद हो जाता है, तो ऑटोमोबाइल कंपनियों को आयात पर निर्भर रहना पड़ेगा। इससे उत्पादन लागत बढ़ सकती है। सबसे बड़ा खतरा रोजगार पर है, क्योंकि कारखाने बंद होने से लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।

जांच की प्रक्रिया

डीजीटीआर सबसेपहले यह पता लगाएगा कि क्या चीन वास्तव में डंपिंग कर रहा है। जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या इस डंपिंग से भारतीय घरेलू उत्पादक को वास्तविक क्षति हुई है। यदि ये दोनों बातें साबित हो जाती हैं, तो डीजीटीआर शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा।

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शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है। डीजीटीआर की भूमिका सिर्फ जांच करने और सिफारिश देने तक सीमित है। यह प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुरूप है।

डंपिंग का असर

डंपिंग कासीधा असर घरेलू उद्योग पर पड़ता है। विदेशी कंपनियां कम कीमतों पर सामान बेचकर स्थानीय बाजार पर कब्जा करने की कोशिश करती हैं। इससे घरेलू कंपनियों का उत्पादन घटता है और मुनाफा कम होता है। अंततः कारखाने बंद होने लगते हैं।

भारत सरकार ने पहले भी कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है। यह घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने का एक तरीका है। निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं।

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