India News: मुकेश अंबानी ने वित्त वर्ष 2024-25 में भी रिलायंस से कोई सैलरी नहीं ली। यह लगातार पांचवां साल है। कोरोना महामारी के बाद उन्होंने वेतन, भत्ते और कमीशन छोड़ने का फैसला लिया। रिलायंस की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, अन्य डायरेक्टर्स को 20-25 करोड़ रुपये मिले। अंबानी का यह कदम कंपनी और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दिखाता है।
सैलरी छोड़ने का फैसला
मुकेश अंबानी ने 2020-21 से सैलरी नहीं ली। कोरोना महामारी ने यह निर्णय लेने को प्रेरित किया। उन्होंने भत्ते, कमीशन और रिटायरमेंट लाभ छोड़े। पहले उनकी सैलरी 15 करोड़ रुपये थी। यह फैसला आर्थिक चुनौतियों के बीच लिया गया। रिलायंस ने इस दौरान विकास पर ध्यान दिया। अंबानी ने व्यक्तिगत लाभ से ज्यादा कंपनी को प्राथमिकता दी। यह कदम कर्मचारियों और शेयरधारकों के लिए प्रेरणादायक रहा।
अन्य डायरेक्टर्स की सैलरी
रिलायंस की वार्षिक रिपोर्ट में डायरेक्टर्स की सैलरी का खुलासा हुआ। निखिल मेसवानी को 25 करोड़ रुपये मिले। हितल मेसवानी को भी 25 करोड़ रुपये दिए गए। पी एम एस प्रसाद को 20 करोड़ रुपये मिले। इसमें वेतन, भत्ते और कमीशन शामिल हैं। ये डायरेक्टर्स कंपनी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी सैलरी कंपनी के प्रदर्शन को दर्शाती है।
अंबानी का नेतृत्व
मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन हैं। उन्होंने कंपनी को ऊर्जा, टेलीकॉम और रिटेल में शीर्ष पर पहुंचाया। सैलरी न लेना उनके नेतृत्व का प्रतीक है। कोरोना काल में कंपनी ने कई चुनौतियों का सामना किया। अंबानी ने कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता दी। उनका यह कदम कॉर्पोरेट जगत में चर्चा में रहा। रिलायंस ने इस दौरान डिजिटल और हरित ऊर्जा पर ध्यान दिया।
रिलायंस का प्रदर्शन
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2024-25 में मजबूत प्रदर्शन किया। कंपनी का रेवेन्यू और मुनाफा बढ़ा। जियो और रिलायंस रिटेल ने रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की। अंबानी ने सैलरी छोड़कर संसाधनों का बेहतर उपयोग किया। कंपनी ने हरित ऊर्जा और टेक्नोलॉजी में निवेश किया। शेयरधारकों को लाभ हुआ। रिलायंस ने कर्मचारी कल्याण पर ध्यान दिया। अंबानी का यह कदम कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है।
कॉर्पोरेट जिम्मेदारी
अंबानी का सैलरी न लेना कॉर्पोरेट जिम्मेदारी का उदाहरण है। उन्होंने महामारी के दौरान कर्मचारियों की मदद की। कंपनी ने सामाजिक पहलों पर ध्यान दिया। रिलायंस फाउंडेशन ने स्वास्थ्य और शिक्षा में योगदान दिया। अंबानी ने व्यक्तिगत लाभ से ज्यादा समाज को प्राथमिकता दी। यह कदम अन्य उद्यमियों के लिए प्रेरणा है। रिलायंस ने संकटकाल में स्थिरता दिखाई। अंबानी का नेतृत्व विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
अन्य डायरेक्टर्स की भूमिका
निखिल और हितल मेसवानी रिलायंस के प्रमुख डायरेक्टर्स हैं। वे रिटेल और पेट्रोकेमिकल्स में योगदान देते हैं। पी एम एस प्रसाद ऊर्जा क्षेत्र में नेतृत्व करते हैं। उनकी सैलरी उनके योगदान को दर्शाती है। रिलायंस ने उनके नेतृत्व में नई ऊंचाइयां छुईं। डायरेक्टर्स की सैलरी पारदर्शी तरीके से दी जाती है। यह कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस को मजबूत करता है। रिलायंस का प्रबंधन विश्व स्तर पर सराहा जाता है।
