Mumbai News: एमएस धोनी ने 2009 T20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड दौरे के बाद खिलाड़ियों को चोट छिपाने के खिलाफ चेताया। उन्होंने कहा कि चोट को नजरअंदाज करने से स्थिति बिगड़ती है। धोनी ने खिलाड़ियों से BCCI या उन्हें सूचित करने को कहा। इस बयान को BCCI ने समर्थन दिया।
धोनी का सख्त रुख
2009 में इंग्लैंड दौरे पर भारत को चोटों ने परेशान किया। धोनी ने खिलाड़ियों को साफ कहा कि थकान या छोटी चोट को नजरअंदाज न करें। उन्होंने बताया कि अगर आराम से चोट ठीक हो सकती है, तो खिलाड़ी को इसे चुनना चाहिए। इससे टीम को भी नुकसान नहीं होगा।
BCCI का समर्थन
धोनी के बयान के बाद BCCI ने उनका समर्थन किया। तत्कालीन मीडिया और वित्त समिति अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि धोनी का सुझाव उचित है। उन्होंने बताया कि धोनी का स्पष्ट बयान खिलाड़ियों की फिटनेस सुधारने में मदद करेगा। BCCI ने इसे टीम के हित में माना।
इंग्लैंड दौरे की चुनौतियां
2009 T20 वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन खराब रहा। चोटों ने टीम को कमजोर किया। धोनी ने कहा कि कई खिलाड़ी चोटिल थे, जिससे गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों प्रभावित हुईं। इस हार ने टीम को फिटनेस पर ध्यान देने की जरूरत बताई।
हाल की चोटों पर विवाद
हाल ही में अंशुल कांबोज की चोट ने भी चर्चा बटोरी। भारत A दौरे के बाद उनकी शिन इंजरी की खबरें आईं। उन्होंने BCCI के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रिहैब नहीं किया। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में उनकी गेंदबाजी की गति कम थी, जिसकी आलोचना हुई।
