शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

MP Monsoon: मानसून ने 12 जिलों से ली विदाई, लेकिन इन जिलों में होगी बारिश; 10 अक्टूबर तक पूरी तरह होगा समाप्त

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Bhopal News: मध्य प्रदेश में मानसून अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के बारह जिलों से मानसून पूरी तरह विदा हो चुका है। शेष जिलों से दस अक्टूबर तक मानसून के लौटने की संभावना है। इस बीच अगले तीन दिनों में कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है।

मौसम विभाग ने पांच से सात अक्टूबर के बीच यलो अलर्ट जारी किया है। भोपाल सहित कई जिलों में बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। पूर्वी जिलों में गरज के साथ मध्यम बारिश हो सकती है। किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है।

मानसून विदाई का कार्यक्रम

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार मानसून ने ग्वालियर, श्योपुर और मुरैना समेत बारह जिलों से विदाई ले ली है। भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से भी मानसून पूरी तरह लौट चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून ने विदाई ले ली है।

मानसून ने इस साल 16 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी। यह सामान्य तिथि से एक दिन की देरी से आया था। विशेषज्ञों के अनुसार दस अक्टूबर तक मानसून पूरे प्रदेश से विदा हो जाएगा। पिछले वर्ष मानसून अक्टूबर के मध्य तक रुका हुआ था।

अगले तीन दिनों का मौसम पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए हल्का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, इंदौर, बैतूल और दतिया सहित कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। छतरपुर, रीवा, सागर, सतना और सीधी में भी बूंदाबांदी हो सकती है। शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, देवास और आगर-मालवा में हल्की वर्षा का अनुमान है।

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रविवार को पूर्वी जिलों में स्थिति में बदलाव आ सकता है। छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिंडोरी और उमरिया में गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। शहडोल और अनुपपुर में भी मध्यम वर्षा का अनुमान जताया गया है। वज्रपात और ठनका की चेतावनी भी जारी की गई है।

भोपाल में मौसम का बदला स्वरूप

भोपाल में मानसून की विदाई के बाद मौसम ने अचानक करवट ली है। शनिवार को दोपहर बाद शहर में बादल छा गए और झमाझम बारिश शुरू हो गई। रात आठ बजे तक शहर में सात मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस मौसम में पहली बार शहर के तीनों प्रमुख बांधों के गेट एक ही दिन खुले।

कोलार बांध का एक गेट सुबह आठ बजे खोला गया। भदभदा बांध का गेट रात आठ बजे खुला जबकि कलियासोत के दो गेट रात आठ बजकर चालीस मिनट पर खोले गए। कलियासोत और भदभदा के गेट इस मौसम में दसवीं बार खुले हैं। केरवा के ऑटोमैटिक गेट अभी बंद रहे।

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जिलावार बारिश के आंकड़े

इस मानसून सीजन में गुना जिले में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। यहां 65.6 इंच वर्षा मापी गई। मंडला और रायसेन में 62 इंच बारिश दर्ज की गई। श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे कम बारिश शाजापुर में हुई है।

शाजापुर में केवल 28.9 इंच बारिश दर्ज की गई। खरगोन में 29.6 इंच और खंडवा में 32 इंच वर्षा हुई। बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच बारिश मापी गई। प्रदेश में औसतन 1062.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह सामान्य से बारह प्रतिशत अधिक है।

विशेषज्ञों का विश्लेषण

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वी मध्य प्रदेश में currently सक्रिय निम्न दाब क्षेत्र के कारण बारिश की संभावना बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातीय परिसंचरण के चलते छह अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। यदि कोई नया सिस्टम विकसित होता है तो मानसून की विदाई की तारीख आगे खिसक सकती है।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश से बांधों के जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। समय पर पानी की निकासी से बाढ़ जैसी स्थिति से बचा जा सका है। भोपाल में जलभराव की कुछ शिकायतें आई हैं लेकिन बांधों के गेट खुलने से स्थिति में सुधार हुआ है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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