Delhi News: भारत ने G20 की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी’ (Mother of Democracy) के नाम से आजादी के बाद 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 2019 के आखिरी लोकसभा चुनाव तक का पूरा ब्योरा दिया है.
इसके जरिये बताया है कि आखिर क्यों भारत ‘लोकतंत्र की जननी’ है. वेबसाइट पर, 1951-52 से लेकर 2019 के आखिरी लोकसभा चुनाव में शामिल मतदाताओं, चुनाव कर्मचारियों, पोलिंग स्टेशन, कैंडिडेट से लेकर पार्टियों तक का पूरा लेखा-जोखा है.
शुरुआत 2019 से…
भारत ने अपनी चुनावी उपलब्धियों की शुरुआत 2019 के लोकसभा चुनाव आंकड़ों से की है. 2019 के आम चुनाव में देश में कुल मतदाताओं की संख्या 614,684,398 थी. जिसमें 294,624,323 महिला मतदाता थीं. 2019 में देशभर में कुल 10,378,000 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे और इन पर 1 करोड़ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी. 2019 में देशभर में कुल 8054 मतदाताओं ने अपनी किस्मत आजमाई थी.
अब आंकड़े देख लीजिये…
1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव के वक्त देश में कुल मतदाताओं की संख्या 105.9 मिलियन यानी 10 करोड़ 59 लाख के आसपास थी. 2019 आते-आते मतदाताओं की संख्या बढ़कर 61 करोड़ 47 लाख के आसपास पहुंच गई. पहले लोकसभा में चुनाव में जहां 45.67% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था तो वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में 67.40% मतदाताओं ने वोट डाला। यह अब तक के आम चुनाव का सबसे ज्यादा मत प्रतिशत और रिकॉर्ड था.
53 से 673 हुए दल
आजादी के बाद 1951-52 में जब पहला लोकसभा चुनाव हुआ तो उस वक्त देश में कुल 53 पार्टियां हुआ करती थीं. जिनमें 14 राष्ट्रीय और 39 क्षेत्रीय पार्टियां थीं. 2019 आते-आते देश में कुल पार्टियों की संख्या 673 हो गई। 7 राष्ट्रीय और 43 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टियां हैं.
अब बात कैंडिडेट्स की
पहले आम चुनाव में कुल 1874 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. पहले आम चुनाव के मुकाबले 2019 में कैंडिडेट्स की संख्या 4 गुना से ज्यादा बढ़ गई. 2019 में कुल 8054 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. जिसमें 7322 पुरुष और 726 महिला उम्मीदवार थीं. 6 थर्ड जेंडर कैंडिडेट्स ने भी अपनी किस्मत आजमाई थी. पोलिंग स्टेशन की बात करें तो 1951-52 में देशभर में कुल 1,32,560 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे, जबकि 2019 के आम चुनाव में 10,37,848 पोलिंग स्टेशन बने थे.
चुनाव अधिकारियों की बात करें तो पहले आम चुनाव में 489 रिटर्निंग ऑफिसर तैनात किए गए थे. जबकि 2019 में 543 रिटर्निंग ऑफिसर, 819 जनरल ऑब्जर्वर, 705 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर और 299 पुलिस ऑब्जवर्स की ड्यूटी लगाई गई थी. इसी तरह 1951-52 में चुनाव को शांति पूर्वक और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए 3,38,854 पुलिस कर्मियों तैनात किये गए थे. 2019 में एक करोड़ 10 लाख पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
एक सीट पर 185 उम्मीदवार
2019 के लोकसभा चुनाव में एक सीट ऐसी भी थी, जिसपर दो-चार नहीं बल्कि 185 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी. वह सीट थी तेलंगाना की निजामाबाद. यह अपने आप में रिकॉर्ड था. इसी तरह मेघालय की तुरा संसदीय क्षेत्र से महज तीन प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. आपको बता दें कि 1951-52 में 4 महीने तक लोकसभा चुनाव चला था. 25 अक्टूबर 1951 से शुरू होकर 21 फरवरी 1952 तक चुनाव हुए थे. जबकि 2019 में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में चुनाव संपन्न हुए थे.