Uttar Pradesh News: मुरादाबाद जिले में एक मदरसा विवादों में घिर गया है। यहां 13 साल की एक छात्रा के दाखिले के लिए वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगा गया। मदरसे के एक मौलाना ने दावा किया कि छात्रा के पिता के साथ अवैध संबंध हैं। इस आरोप के बाद पुलिस ने मौलाना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। प्रिंसिपल रहनुमा की तलाश जारी है।
यह घटना जिले के दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के पास स्थित जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज की है। यह मदरसा करीब 37 साल पुराना बताया जाता है। छात्रा चंडीगढ़ निवासी है और यहां कक्षा सात में पढ़ती थी। अगस्त में वह छुट्टी पर अपने पिता के साथ रहने गई थी।
छुट्टियों के बाद जब उसके परिवार ने उसका दोबारा दाखिला कराने की कोशिश की तो मदरसा प्रबंधन ने शर्त रख दी। उन्होंने लड़की के वर्जिन होने का प्रमाण पत्र मांगा। मदरसे के एडमिशन इंचार्ज मौलाना शाहजहां ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उन्हें एक फोन कॉल से इसकी जानकारी मिली।
मौलाना के मुताबिक, खुद को छात्रा की मौसी बताने वाली एक महिला ने फोन किया था। उसने बताया कि छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली रही। इस दौरान दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। इस आधार पर ही मदरसा प्रबंधन ने यह सर्टिफिकेट मांगा। हालांकि, इस कॉल की सत्यता अभी साबित नहीं हुई है।
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। मौलाना शाहजहां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं, मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा फरार हैं। पुलिस को पता चला है कि रहनुमा ने अभी नौ दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया है।
इस वजह से पुलिस उनकी गिरफ्तारी से पहले कानूनी राय ले रही है। मामले में मदरसा प्रबंधन के कई अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है। पुलिस की छानबीन जारी है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
मदरसा परिसर करीब 100 बीघा में फैला है। यह संस्थान अरब देशों से मिलने वाली जकात की मदद से चलता है। यहां छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविगा भी उपलब्ध है। छात्राएं पढ़ाई के दौरान हॉस्टल में ही रहती हैं।
मदरसे की स्थापना शम्सी फैमिली ने की थी। संस्थापक मोहम्मद अख्तर शम्सी और गजाला अख्तर शम्सी हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के व्यवसाय से जुड़े हैं। उनकी कंपनी पैरामाउंट एक्सपोर्टर्स के नाम से जानी जाती है। यह मदरसा दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत रहा है।
इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। लोग मदरसा प्रबंधन की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा कर रहे हैं। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय प्रशासन ने भी संवेदनशीलता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई की है।
मामला अब कोर्ट तक पहुंच गया है। आरोपी मौलाना को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस जल्द ही प्रिंसिपल रहनुमा को भी गिरफ्तार करने की तैयारी में है। इस पूरे प्रकरण ने शैक्षणिक संस्थानों में नैतिकता और कानून के मानदंडों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
