Delhi News: कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने मानसून सत्र से पहले रणनीति बनाने के लिए 15 जुलाई को बैठक बुलाई। यह बैठक उनके 10 जनपथ स्थित आवास पर होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे। सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। यह बैठक सत्र की रणनीति को मजबूत करेगी।
मानसून सत्र की तैयारियां
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त तक चलेगा। पहले यह 12 अगस्त को खत्म होने वाला था, लेकिन समयसीमा एक सप्ताह बढ़ाई गई। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश होंगे। सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम और परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करेगी। यह कदम बजट घोषणाओं को लागू करने की दिशा में है।
बिहार वोटर लिस्ट पर विवाद
बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर विपक्ष सरकार पर सवाल उठा सकता है। चुनाव आयोग के इस कदम पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल चर्चा चाहते हैं। कुछ नेताओं ने इसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाला बताया। इस मुद्दे पर सत्र में गर्मागर्म बहस की संभावना है। विपक्ष इस मामले को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है।
पहलगाम हमले पर चर्चा की मांग
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर भी विपक्ष चर्चा चाहता है। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की बात पर विपक्ष ने जवाब मांगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से फोन पर स्पष्ट कहा कि भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता। इस मुद्दे पर सत्र में हंगामा हो सकता है।
विपक्ष की रणनीति और चुनौतियां
कांग्रेस की बैठक में मानसून सत्र के लिए रणनीति तैयार होगी। विपक्षी दल सरकार को आर्थिक नीतियों, बेरोजगारी और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहे हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में जनता के मुद्दों को संसद में उठाने का वादा किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में इस बैठक को लेकर उत्साह है। यह सत्र सरकार और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ा सकता है।
सरकार की प्राथमिकताएं
सरकार मानसून सत्र में कई विधेयकों को पारित करने की तैयारी में है। परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े बिल भी पेश हो सकते हैं। सरकार का दावा है कि ये कदम देश की प्रगति को गति देंगे। सत्र में इन मुद्दों पर तीखी नोकझोंक की उम्मीद है।
