Shimla News: शहर में उत्पाती बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। सीटीओ चौक पर वीरवार को पुलिस अफसर की सरकारी गाड़ी से बंदर वर्दी उठाकर पेड़ पर चढ़ गया। साहब की वर्दी बंदर के हाथ में देखकर चालक के होश फाख्ता हो गए। वर्दी को बंदर से छुड़ाने के सारे जतन किए लेकिन वह किसी भी लालच नहीं आया।
आखिर पौने तीन घंटे की मशक्कत के बाद एक कश्मीरी श्रमिक की मदद से वर्दी को पेड़ से उतारा गया लेकिन तब तक पुलिस अफसर की वर्दी को बंदर ने बुरी तरह चबाकर फाड़ डाला था। शिमला शहर में बंदरों के आतंक का यह कोई पहला मामला नहीं है।
सीटीओ चौक पर बंदरों का एक पूरा समूह है जो वहां से गुजरने वाले लोगों से खाने पीने का सामान छीन लेते हैं। बच्चों और बड़ों से आईसक्रीम तथा बर्गर छीनना यहां आम बात हो गई है। उपायुक्त, एसपी कार्यालय और नगर निगम कार्यालय यहीं पर हैं। यहां काम कर रहे कई कर्मचारी बंदरों के आतंक का शिकार हो चुके हैं, बावजूद इन बंदरों को वहां से हटाने का कोई इंतजाम आज तक वन महकमा नहीं कर पाया।
ऐसा ही वाक्या वीरवार को एसपी कार्यालय में पुलिस अफसर के साथ हुआ। दोपहर करीब एक बजे पुलिस अफसर का चालक गाड़ी को कार्यालय के बाहर खड़ी करके डीसी दफ्तर चला गया। जल्दी में वह गाड़ी का शीशा बंद करना भूल गया। दोपहर 1:15 बजे के करीब बंदर गाड़ी के अंदर जाकर फ्रंट सीट पर रखे पैकेट को उठाकर ले गया।
इसमें पुलिस अफसर की वर्दी रखी थी। वहीं मौके पर आसपास के लोगों ने पैकेट छुड़ाने की कोशिश की और वाहन चालक को भी बुला लिया। बंदर ने पैकेट तो छोड़ दिया लेकिन उससे अधिकारी की पतलून उठाकर पेड़ पर चढ़ गया। पैंट को लेकर करीब आधे घंटे तक बंदर पैड़ पर बैठा रहा।
इस दौरान नीचे खड़े पुलिस कर्मी और स्थानीय लोगों ने बंदर को भगाया। बंदर पैंट को पेड़ पर छोड़कर वहां से भाग गया। वाहन चालक ने शाम 4 बजे कश्मीरी मजदूर को बुलाकर पेड़ से पैंट निकाली लेकिन वह बंदर ने फाड़ कर पूरी तरह से खराब कर दी थी।