Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध धर्मांतरण के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को हिरासत में लिया। अदालत ने पांच दिन की रिमांड मंजूर की। ED ने 15 ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए। जांच में 75 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की तैयारी है।
विदेशी फंडिंग का खुलासा
ED की जांच में पता चला कि छांगुर बाबा को विदेशों से 65 करोड़ रुपये मिले। 2019 से 2023 के बीच यह फंडिंग हुई, जिसमें 15 करोड़ विदेशी और 50 करोड़ घरेलू स्रोतों से आए। यह पैसा धर्मांतरण और संपत्ति खरीद में लगा। ED ने संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी मांगी है। जांच से कुल फंडिंग 120 करोड़ तक हो सकती है।
संपत्तियों का विशाल नेटवर्क
छांगुर बाबा ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में करोड़ों की संपत्तियां खरीदीं। इनमें उतरौला में 11 बीघा जमीन, बलरामपुर में 3 बीघा जमीन और लोनावला में 16 करोड़ की प्रॉपर्टी शामिल है। 5 रिहायशी मकान और 2 कमर्शियल प्लॉट भी हैं। अधिकांश संपत्तियां नीतू और नवीन के नाम हैं, जिनकी कीमत 75-80 करोड़ है।
अवैध धर्मांतरण का जाल
छांगुर बाबा पर जबरन धर्मांतरण के आरोप हैं। पीड़ितों का दावा है कि नौकरी, पैसे और प्रगति का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया। यूपी ATS ने नवीन, नीतू और अन्य को गिरफ्तार किया। ED का कहना है कि फंडिंग का इस्तेमाल सिर्फ धर्मांतरण और संपत्ति खरीद में हुआ, कोई वैध व्यापार नहीं मिला।
ED की गहन जांच
ED ने विदेशी बैंकों से जुड़े खातों का पता लगाया, जहां मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले। 2019-2021 के बीच 7.75 करोड़ रुपये आए। जांच एजेंसी ने बैंकों को नोटिस भेजा है। सूत्रों के मुताबिक, और खुलासे हो सकते हैं। ED 120 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की योजना बना रही है। जांच का दायरा और बढ़ेगा।
गिरफ्तारी और छापेमारी
यूपी ATS ने छांगुर, नीतू, नवीन, महबूब और अन्य को गिरफ्तार किया। 15 जगहों पर छापेमारी में हवाला और अवैध लेनदेन के सबूत मिले। बलरामपुर कोर्ट के क्लर्क राजेश उपाध्याय भी गिरफ्तार हुए। ED ने विदेशी फंडिंग और शेल कंपनियों के नेटवर्क को ट्रेस किया। जांच में सरकारी कर्मचारियों और बिचौलियों की भूमिका भी सामने आई।
