Manipur News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में सरकार बनने की आवश्यकता पर बल दिया है। इंफाल में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। भागवत ने विनाश और निर्माण प्रक्रिया के समय में अंतर बताया। उन्होंने कहा कि विनाश तो क्षण भर में होता है लेकिन निर्माण में वर्षों लग जाते हैं।
मणिपुर के लोगों को कठिन परिस्थितियों में एकजुट रखने के प्रयासों की सराहना की गई। भागवत ने कहा कि सभी को साथ लेकर चलना हमारा निश्चित लक्ष्य है। भौतिक स्तर पर शांति जल्द स्थापित होगी। किसी की पहचान या अस्तित्व को नुकसान पहुंचाए बिना यह प्रक्रिया पूरी होगी। हालांकि आंतरिक शांति स्थापित होने में कुछ समय लगेगा।
आरएसएस के अद्वितीय कार्य की तारीफ
इससे पहले एक विशेष सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने संगठन के कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आरएसएस पूरे देश में दैनिक चर्चा का विषय बना रहता है। भागवत ने संगठन के कार्य को अद्वितीय बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आकाश और महासागर की तुलना किसी से नहीं की जा सकती।
ठीक उसी प्रकार आरएसएस की तुलना भी किसी अन्य संगठन से नहीं की जा सकती। उन्होंने मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं की सराहना की। विशेष अवसरों पर पारंपरिक पोशाक पहनने और स्थानीय भाषाओं के प्रयोग को उन्होंने सराहनीय बताया। इन परंपराओं को और मजबूत करने का आह्वान किया।
समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति
राज्य में स्थिरता बहाल करने के लिए सामुदायिक और सामाजिक स्तर पर प्रयास जारी हैं। शांति स्थापना के लिए धैर्य, सामूहिक प्रयास और सामाजिक अनुशासन की आवश्यकता है। मई 2023 से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष में कम से कम 260 लोगों की मौत की सूचना है।
हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है। फरवरी में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है। राज्य में अब तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। सभी पक्ष शांति बहाली के लिए प्रयासरत हैं।
तीन दिवसीय दौरे का महत्व
आरएसएस प्रमुख गुरुवार से मणिपुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। मई 2023 में जातीय तनाव शुरू होने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। एक प्रदेश पदाधिकारी के अनुसार यह दौरा आरएसएस के शताब्दी समारोह का हिस्सा है। इंफाल हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्थानीय लोगों ने उनका पारंपरिक तरीके से अभिनंदन किया।
इंफाल में तीन दिन के प्रवास के दौरान वह कई बैठकें करेंगे। ये बैठकें संगठन के सदस्यों के साथ बंद कमरों में होंगी। वह घाटी और पहाड़ी क्षेत्रों के उद्यमियों से भी मिलेंगे। जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधि उनसे मुलाकात करेंगे। नागरिक समाज के संगठनों के प्रतिनिधि भी इन बैठकों में शामिल होंगे।
विभिन्न समूहों से संवाद
राज्य के प्रमुख नागरिक और युवा संगठनों के नेता भी इन चर्चाओं में भाग लेंगे। यह दौरा राज्य में शांति और स्थिरता बहाली के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। सभी हितधारकों के साथ संवाद से स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है। स्थानीय लोग इस दौरे को लेकर आशावादी हैं। वे इससे सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।
मणिपुर की वर्तमान स्थिति में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के अभाव में प्रशासनिक चुनौतियां बनी हुई हैं। केन्द्र सरकार राज्य में शांति बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। सुरक्षा बलों द्वारा स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास किया जा रहा है। सभी समुदायों के बीच सद्भाव बहाल करने पर जोर दिया जा रहा है।
