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गुरूवार, जून 1, 2023
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दिल्ली यूनिवर्सिटी के सिलेबस से मोहम्मद इकबाल होंगे बाहर, एबीवीपी ने किया फैसले का स्वागत

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DU Political Science Syllabus: दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीए प्रोग्राम से अब मशहूर शायर मोहम्मद इक़बाल का नाम मिटाने का फैसला किया गया है. अब डीयू पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को इक़बाल के बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा.

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बीए पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस में अबतक इक़बाल को पढ़ाया जाता रहा है. दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के अप्रूवल के बाद इक़बाल को सिलेबस से हटा दिया जाएगा. इनके अलावा एकेडमिक काउंसिल ने कुछ अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है.

इक़बाल उर्दू और फारसी के मशहूर शायर हैं. आजादी दिवस के मौके पर बड़े स्तर पर सुना जाने वाला ‘सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तां हमारा’ गीत इक़बाल का ही लिखा हुआ है. इक़बाल को पाकिस्तान का राष्ट्रीय शायर कहा जाता है. माना जाता है कि पाकिस्तान के पीछे असल में इक़बाल का ही दिमाग था. उन्हें अल्लामा इक़बाल भी कहा जाता है. उन्हें सिलेबस से हटाए जाने के मामले पर आखिरी फैसला एग्जीक्यूटिव काउंसिल को करना है, जिसकी मीटिंग 9 जून को शेड्यूल है.

विभाजन, हिंदू और आदिवासियों पर बनेगा केंद्र

एकेडमिक काउंसिल के सामने पार्टिशन स्टडीज, हिंदू स्टडीज और ट्रायबल स्टडीज पर अलग से केंद्र बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया था. काउंसिल ने अब इसे अप्रूव कर दिया है. बीए पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस के ‘मॉडर्न इंडियन पॉलिटिकल थाउट’ चैप्टर में इक़बाल के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता था. यह चैप्टर कोर्स के छठे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था. पार्टिशन स्टडीज यानी विभाजन के बारे में एक केंद्र स्थापित करने का एकेडमिक काउंसिल के पांच सदस्यों ने विरोध किया. इस काउंसिल में 100 सदस्य हैं.

डीयू एकेडमिक काउंसिल पांच सदस्यों ने पार्टिशन स्टडीज को असल में विभाजनकारी बताया. केंद्र खासतौर पर पिछले 1300 सालों में आक्रमणों, पीड़ा और गुलामी के बारे में स्टडी करेगा. एक बयान में कहा गया है कि 1300 सालों के इतिहास पर चर्चा सांप्रदायिक भाषणों का अवसर प्रदान करेगा.

इक़बाल को हटाने का एबीवीपी ने किया स्वागत

एक बयान में एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस से इक़बाल को हटाने के फैसले का स्वागत किया है. एबीवीपी ने इक़बाल को कट्टर धार्मिक विद्वान बताया, जिसे पाकिस्तान का ‘फिलिसोफिकल फादर’ कहा जाता है. मुस्लिम लीग में जिन्ना को खड़ा करने के पीछे इक़बाल का ही हाथ था. एबीवीपी ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना की ही तरह मोहम्मद इक़बाल भी भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार है.

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