Himachal News: हिमाचल प्रदेश में आपदा राहत राशि को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को किस्तों में तड़पा-तड़पा कर पैसा दे रही है। शिमला के रिज मैदान पर मीडिया से बात करते हुए सीएम ने भाजपा नेताओं को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने साफ कहा कि केंद्र ने नुकसान का सही आकलन करने के बाद भी पर्याप्त मदद नहीं दी है।
सिर्फ 15 फीसदी नुकसान की हुई भरपाई
सीएम सुक्खू ने केंद्र के आंकड़ों की पोल खोली। उन्होंने बताया कि 2023 की बरसात में हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हुई थी। केंद्र सरकार की टीम ने खुद 9300 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था।
- इतने बड़े नुकसान के बदले केंद्र ने सिर्फ 1500 करोड़ रुपये की राहत दी है।
- यह केंद्र के अपने आकलन का महज 15 फीसदी हिस्सा है।
- सीएम ने कहा कि जनता के हक का पैसा भी रोका जा रहा है।
किस्तों में मिल रही है नाममात्र की राहत
मुख्यमंत्री ने राहत राशि जारी करने के तरीके पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीडीएनए (Post Disaster Needs Assessment) के तहत कुल 2006 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। इसमें भी 500 करोड़ रुपये राज्य सरकार को अपने पास से मिलाने हैं।
पैसे जारी करने की स्थिति देखिए:
- पहली किस्त में केंद्र ने केवल 451 करोड़ रुपये दिए।
- अब दूसरी किस्त में 601 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- जबकि राज्य सरकार अब तक 250 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि आपदा के समय मदद को इस तरह तरसाकर देना कतई उचित नहीं है।
जयराम ठाकुर और भाजपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वे जयराम की हर बात का जवाब देना जरूरी नहीं समझते। सीएम ने भाजपा नेताओं को नसीहत दी कि वे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री मोदी से हिमाचल प्रदेश के लिए घोषित 1500 करोड़ रुपये मांगें।
सुक्खू ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता दिल्ली जाकर राज्य का पैसा रुकवाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण का पैसा भी अभी तक फंसा हुआ है। यह केवल सरकार ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है।
