Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में एक बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया। इसके तहत स्कूल समय के दौरान छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए मोबाइल फोन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस नीति का पालन तुरंत शुरू हो गया है।
छात्र अब अपने साथ मोबाइल फोन स्कूल नहीं ला सकेंगे। इस कदम का मुख्य उद्देश्य छात्रों का ध्यान पढ़ाई से भटकने से रोकना है। अधिकारियों का मानना है कि मोबाइल फोन के कारण बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान कम हो रहा था। इससे उनकी शैक्षणिक प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ रहा था।
शिक्षकों के लिए नए दिशा-निर्देश
यह प्रतिबंध केवल छात्रों के लिए ही नहीं है। शिक्षकों को भी कक्षा में प्रवेश करने से पहले अपना मोबाइल फोन स्टाफ रूम में जमा करना होगा। इन फोनों को सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा। इस जगह पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी भी रहेगी। इससे शिक्षकों का पूरा ध्यान पढ़ाने पर केंद्रित रहेगा।
मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से कई नुकसान हैं। इससे छात्रों में चिंता और तनाव बढ़ता है। नींद की कमी और सामाजिक अलगाव की समस्या भी पैदा होती है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों पर दबाव पड़ता है। इससे शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती हैं।
आपात स्थिति के लिए व्यवस्था
अभिभावकों की चिंता को देखते हुए सरकार ने एक विशेष व्यवस्था की है। हर स्कूल में एक कार्यशील लैंडलाइन फोन उपलब्ध रहेगा। इसका नंबर सभी अभिभावकों के साथ साझा किया जाएगा। किसी भी आपातकालीन स्थिति में इस नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
जिला स्तर के शिक्षा उपनिदेशक इस नियम के पालन पर नजर रखेंगे। सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश को नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें। इससे सुनिश्चित होगा कि हर किसी को इस नई नीति की जानकारी हो।
वैश्विक स्तर पर बढ़ता ट्रेंड
हिमाचल प्रदेश का यह कदम वैश्विक रुझानों के अनुरूप है। दुनिया के कई देश स्कूलों में डिजिटल उपकरणों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति शिक्षा के वातावरण को और अधिक अनुशासित बनाएगी। इससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को फायदा होगा।
