शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

मोबाइल गेमिंग लत: बेटे की आदत ने ली मां की जान, शीला ने की आत्महत्या

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Uttar Pradesh News: झांसी के रक्सा आरएस रेजीडेंसी कॉलोनी में एक दुखद घटना हुई। 38 वर्षीय शीला देवी ने बुधवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पति रविंद्र सिंह ने उन्हें पंखे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच के अनुसार उनके बेटे की मोबाइल गेमिंग लत इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है।

शीला देवी मूल रूप से चित्रकूट के हरदौली गांव की निवासी थीं। परिवार ने बेटे के उज्ज्वल भविष्य के लिए झांसी में आवास खरीदा था। उनका 13 वर्षीय बेटा शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र है। पिछले कुछ वर्षों में बच्चे को मोबाइल गेम्स की लत लग गई थी।

पारिवारिक तनाव का बढ़ना

रविंद्र केदफ्तर जाने के बाद बच्चा दिन रात गेम खेलता था। वह पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता था। जब उसे गेम खेलने से रोका जाता तो वह रोता या झगड़ता था। इस स्थिति ने शीला को मानसिक रूप से बहुत प्रभावित किया। लगातार बढ़ता तनाव उनके लिए सहन करना मुश्किल हो गया।

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मंगलवार रात करीब 11 बजे तक सब कुछ सामान्य था। शीला ने बेटे की आदतों को लेकर चिंता जताई थी। रात करीब दो बजे जब रविंद्र उठे तो शीला घर में नहीं मिलीं। दूसरे कमरे में जाने पर उन्होंने देखा कि शीला गमछे से पंखे पर लटकी हुई हैं।

आत्महत्या की खबर और पुलिस जांच

रविंद्र नेतुरंत शीला को नीचे उतारा। उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए। डॉक्टरों ने कुछ देर प्रयास करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। सीओ सदर रामवीर सिंह ने इसकी पुष्टि की। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में मोबाइल गेमिंग लत को मुख्य कारण बताया।

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद परिजन शव को चित्रकूट ले गए। पुलिस ने मामले की और जांच जारी रखी है। उन्होंने बताया कि पारिवारिक तनाव ने इस घटना को जन्म दिया। कोई अन्य संदिग्ध बात सामने नहीं आई है।

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बेटे की मानसिक स्थिति

मांकी मौत के बाद बच्चा पूरी तरह टूट गया है। वह लगातार अपनी मां को पुकारते हुए रो रहा है। परिवार के बुजुर्गों को उसे संभालना पड़ रहा है। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया है। बच्चे की हालत देखकर परिजन भी व्यथित हैं।

परिवार के सदस्य बच्चे की मनोदशा को लेकर चिंतित हैं। वे उसे मानसिक सहारा देने का प्रयास कर रहे हैं। इस दुखद घटना ने मोबाइल गेमिंग की लत के खतरों को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं।

मोबाइल गेमिंग की लत आज के युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इससे न केवल बच्चों का शैक्षणिक विकास प्रभावित हो रहा है बल्कि पारिवारिक संबंधों पर भी दबाव पड़ रहा है। माता-पिता के लिए यह चिंता का एक प्रमुख विषय बन गया है।

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