शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

मोबिक्विक घोटाला: तकनीकी गड़बड़ी से 41 करोड़ की धोखाधड़ी, 6 गिरफ्तार

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Gurugram News: मोबाइल भुगतान एप मोबिक्विक में तकनीकी खराबी का फायदा उठाकर देशभर के सैकड़ों लोगों ने 41 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। कंपनी ने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें तीन हजार लोगों को आरोपी बनाया गया है। अब तक छह लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और सभी संदिग्ध खातों को फ्रीज कर दिया गया है।

कंपनी के अनुसार, 12 सितंबर को एप में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई। इसके चलते जब उपयोगकर्ताओं ने पैसे ट्रांसफर किए तो उन्हें लेनदेन असफल होने का संदेश मिलता था, लेकिन वास्तव में राशि खातों में ट्रांसफर हो जाती थी। इस गड़बड़ी का जानबूझकर अनुचित लाभ उठाया गया।

लोगों ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए बिना पर्याप्त बैलेंस के भी पैसे ट्रांसफर किए। यहां तक कि गलत पासवर्ड डालने पर भी लेनदेन सफल हो रहा था। इस तरह अनधिकृत रूप से बड़ी राशि का हस्तांतरण हुआ।

गुरुग्राम पुलिस की साइबर इकाई ने तुरंत जांच शुरू की। करीब तीन हजार बैंक खातों की पहचान की गई, जिनमें यह राशि ट्रांसफर की गई थी। इन सभी खातों को तुरंत फ्रीज कर दिया गया है ताकि आगे धन निकासी रोकी जा सके।

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पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें नूंह और पलवल के रहने वाले शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने जानबूझकर करीब ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। पूछताछ में आरोपियों ने इस घोटाले की पुष्टि की है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर रही है। इस टीम का नेतृत्व एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान करेंगे। यह टीम पूरे मामले की गहन जांच करेगी।

कंपनी का कहना है कि धोखाधड़ी की राशि 41 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। जांच के दौरान नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस का मानना है कि और भी लोग इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं।

मोबिक्विक एक लोकप्रिय मोबाइल भुगतान प्लेटफॉर्म है। यह उपयोगकर्ताओं को भुगतान, बिल भुगतान और व्यापारी लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। कंपनी ने तकनीकी खराबी का पता चलते ही इसे ठीक कर दिया है।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने जानबूझकर बार-बार लेनदेन किए। उन्होंने इस तकनीकी समस्या का दुरुपयोग किया। इन लेनदेनों में व्यक्तिगत खातों के साथ ही कुछ व्यापारी खाते भी शामिल थे।

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गुरुग्राम पुलिस ने सभी संबंधित बैंकों के साथ समन्वय स्थापित किया है। वे लेनदेन के डिजिटल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रही है। इससे सभी संदिग्ध लोगों तक पहुंचना आसान होगा।

यह मामला साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है। डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स के लिए यह जरूरी है कि वे अपने सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करें। तकनीकी कमजोरियों का तुरंत पता लगाकर उन्हें ठीक किया जाना चाहिए।

पुलिस ने सलाह दी है कि उपयोगकर्ता किसी भी तरह की तकनीकी समस्या की सूचना तुरंत कंपनी को दें। ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के अनैतिक लाभ उठाने से बचना चाहिए। इस तरह की कार्रवाई गंभीर कानूनी परिणाम पैदा कर सकती है।

अभी तक की गई कार्रवाई में पुलिस ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है। इससे अन्य संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।

इस घटना ने डिजिटल भुगतान प्रणालियों में सुरक्षा चिंताओं को फिर से उजागर किया है। उपभोक्ताओं और कंपनियों दोनों के लिए सतर्क रहना और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना आवश्यक है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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