Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मनरेगा को लेकर सियासत तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका आरोप है कि सुक्खू सरकार मनरेगा के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है। ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार गरीबों और मजदूरों के हित में काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने मजदूरों की दिहाड़ी का अपना हिस्सा रोक रखा है।
मजदूरी भुगतान पर बड़ा खुलासा
जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त के बाद से मनरेगा मजदूरों को राज्य के हिस्से का भुगतान नहीं हुआ है। लोगों के खातों में सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राशि ही पहुंची है। पूर्व सीएम ने कहा कि यह योजना केवल दिहाड़ी तक सीमित नहीं है। यह गांवों को आत्मनिर्भर बनाने और कौशल विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। कांग्रेस सरकार मजदूरों के हकों को दबा रही है।
मोदी सरकार ने बढ़ाया बजट
नेता प्रतिपक्ष ने आंकड़ों के जरिए कांग्रेस को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि सीएम और कांग्रेस नेताओं को तथ्यों पर गौर करना चाहिए। साल 2006 में मनरेगा का बजट सिर्फ 11,300 करोड़ रुपये था। कांग्रेस 10 साल में इसे केवल 33,000 करोड़ तक ही पहुंचा पाई। वहीं, मोदी सरकार ने 2015-16 में ही बजट बढ़ाकर 41,000 करोड़ कर दिया। कोविड महामारी के दौरान इसे रिकॉर्ड 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये किया गया था।
भ्रष्टाचार पर लगी लगाम
जयराम ठाकुर ने केंद्र की ‘विकसित भारत जी-राम जी योजना’ को प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। अब तकनीक के जरिए कामों की निगरानी हो रही है। समय पर भुगतान और भ्रष्टाचार पर सख्त नियंत्रण किया गया है। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसी पारदर्शी व्यवस्था कभी संभव नहीं हो पाई थी।
