Solan News: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में मनरेगा (MNREGA) के कार्यों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। जिले की 217 ग्राम पंचायतों में हुए सोशल ऑडिट ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। ऑडिट रिपोर्ट में कुल 62.10 लाख रुपये की गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इसमें सीधे तौर पर वित्तीय हेराफेरी और नियमों की अनदेखी के मामले शामिल हैं। प्रशासन ने अब इस मामले में सख्ती दिखानी शुरू कर दी है।
वित्तीय और डेविएशन की गड़बड़ी
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, कुल राशि में से 91,444 रुपये की सीधी वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी गई है। वहीं, 61.19 लाख रुपये की अनियमितता ‘डेविएशन’ यानी विचलन से जुड़ी है। इसका मतलब है कि पैसा जिस काम के लिए स्वीकृत था, उसे वहां न लगाकर कहीं और खर्च किया गया। मनरेगा के तहत कई जगह स्वीकृत स्थान के बजाय दूसरी जगह निर्माण कार्य कर दिए गए।
सोलन ब्लॉक में सबसे ज्यादा हेराफेरी
सोलन विकास खंड में अनियमितता के सबसे ज्यादा मामले मिले हैं। यहां 37 में से 30 पंचायतों का ऑडिट हुआ, जिसमें 38.53 लाख रुपये की गड़बड़ी पाई गई। धर्मपुर ब्लॉक की 23 पंचायतों में 9.85 लाख रुपये और कंडाघाट में 6 लाख रुपये से ज्यादा की हेराफेरी मिली है। पट्टा ब्लॉक में भी 3.20 लाख रुपये का हिसाब-किताब गड़बड़ाया हुआ है।
अफसरों ने मांगे जवाब
कुनिहार ब्लॉक में 2.73 लाख और नालागढ़ में करीब 1 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। एडीसी सोलन राहुल जैन ने बताया कि मनरेगा ऑडिट में अधिकतर मामले डेविएशन के हैं। प्रशासन ने सभी बीडीओ को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं। पंचायतों से इन गड़बड़ियों पर जवाब मांगा गया है। इन मामलों को अब ग्राम सभा की बैठकों में सुलझाया जाएगा।
