Himachal News: हिमाचल प्रदेश किसान सभा ने शुक्रवार (19 दिसंबर 2025) को बाली चौकी में जोरदार प्रदर्शन किया। किसान सभा ने केंद्र सरकार द्वारा MNREGA के स्थान पर लाए गए नए कानून “बीबी जी राम जी” का विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने इकाई स्तर पर इस नए कानून की प्रतियां जलाईं। सभा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संसद में बिना चर्चा किए इस विधेयक को पास करवा ले गई। उन्होंने इसे मजदूरों और किसानों के खिलाफ एक बड़ी साजिश बताया है।
MNREGA खत्म करने की साजिश
किसान सभा का दावा है कि केंद्र सरकार MNREGA को पूरी तरह खत्म करना चाहती है। इस योजना के तहत देश के करोड़ों लोगों को रोजगार का अधिकार मिला था। पहले MNREGA का 90% खर्च केंद्र सरकार उठाती थी। राज्य सरकारों को केवल 10% खर्च और काम का क्रियान्वयन करना होता था। नए कानून के तहत अब केंद्र 60% और राज्य सरकार 40% खर्च वहन करेगी। हिमाचल जैसे राज्य पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, जिससे योजना पर संकट गहरा गया है।
काम की गारंटी पर बड़ा हमला
पुराने कानून में 15 दिन के भीतर काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान था। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि नया कानून मजदूरों के अधिकारों को छीनता है। नए नियमों के अनुसार, साल में 60 दिन जब खेती का काम चरम पर होगा, तब काम न देने की बात कही गई है। इससे साफ है कि सरकार रोजगार की गारंटी से पीछे हट रही है। विपक्ष ने भी इस विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की थी, जिसे सरकार ने दरकिनार कर दिया।
इन नेताओं ने किया नेतृत्व
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अलग-अलग जगहों पर स्थानीय नेताओं ने किया। टिकी बून्ग में देवेंद्र कुमार और ग्राम पंचायत थाटा में इंदर सिंह ने मोर्चा संभाला। बाली चौकी में महेंद्र सिंह राणा और पंजाई में प्रकाश चंद ने प्रदर्शन की अगुवाई की। किसान सभा राज्य कमेटी सदस्य महेंद्र सिंह राणा ने कहा कि MNREGA का बजट बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में सरकार की इन नीतियों के खिलाफ संघर्ष और तेज होगा।
