MK Stalin On PM Modi: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार (7 सितंबर) को अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म’ वाले बयान पर जारी घमासान के बीच चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि उदयनिधि ने क्या कहा, यह जाने बिना प्रधानमंत्री का इस पर टिप्पणी करना अनुचित है. उन्होंने अपने बेटे की टिप्पणी को लेकर हो रही आलोचना को एक ‘झूठी कहानी’ बताकर खारिज कर दिया.
एमके स्टालिन ने कहा ‘बीजेपी समर्थक ताकतें दमनकारी सिद्धांतों के खिलाफ उनके रुख को बर्दाश्त करने में असमर्थ हैं और उन्होंने एक झूठी कहानी फैलाई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ‘उदयनिधि ने नरसंहार का आह्वान किया था सनातन विचार वाले लोगों का. बीजेपी की तरफ से पोषित सोशल मीडिया भीड़ ने उत्तरी राज्यों में इस झूठ को व्यापक रूप से प्रसारित किया है.’
बेटे के बचाव में क्या बोले एमके स्टालिन?
स्टालिन ने कहा, ‘यहां तक कि जब हम चंद्रमा पर चंद्रयान लॉन्च कर रहे हैं, तब भी कुछ लोग जातिगत भेदभाव का प्रचार करते हैं. वर्णाश्रम सिद्धांतों के आधार पर सामाजिक स्तरीकरण पर जोर देते हैं और अपने सांप्रदायिक दावों का समर्थन करने के लिए शास्त्रों और अन्य प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हैं. उदयनिधि ने केवल ऐसी दमनकारी विचारधाराओं के खिलाफ बात की और उन विचारधाराओं पर आधारित प्रथाओं को खत्म करने का आह्वान किया.’एमके स्टालिन ने आगे कहा, ‘उन्होंने सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किए जो अनुसूचित जाति, जनजातियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते हैं, उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए प्रधानमंत्री के पास सभी संसाधनों तक पहुंच है. तो क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं, या वह जानबूझकर ऐसा करते हैं?’
एमके स्टालिन ने आगे कहा, ‘उन्होंने सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किए जो अनुसूचित जाति, जनजातियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते हैं, उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए प्रधानमंत्री के पास सभी संसाधनों तक पहुंच है. तो क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं, या वह जानबूझकर ऐसा करते हैं?’
क्या था उदयनिधि स्टालिन का बयान?
दरअसल, तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे खत्म करने की जरूरत है. उन्होंने कहा था, ‘कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है, ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है. सनातन का विरोध करने के बजाय इसे खत्म किया जाना चाहिए.’