Madhya Pradesh News: उज्जैन जिले की 75 वर्षीय अयोध्या बाई को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। उनके शव को जब परिजन गांव ले जा रहे थे, तब रास्ते में एक स्पीड ब्रेकर पर कार के झटके से वह अचानक जीवित हो उठीं। यह अद्भुत घटना खाचरोद क्षेत्र की है, जिसे सभी चमत्कार मान रहे हैं। परिवार और गांव वाले खुशी से भावविभोर हैं।
सिर की नस फटने से अस्पताल में हुआ था भर्ती
अयोध्या बाई की तबीयत 20 अगस्त को अचानक बिगड़ गई थी। उनके बेटे दिनेश ने उन्हें इलाज के लिए इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल ले गए। वहां जांच में पता चला कि उनके सिर की नस फट गई है। इसके बाद डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने मौत की पुष्टि के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी।
शव ले जाते समय स्पीड ब्रेकर पर लगा झटका
अयोध्या बाई के बेटे दिनेश ने बताया कि वे मां के शव को गांव ले जा रहे थे। रास्ते में धरमपुरी के स्पीड ब्रेकर पर कार अचानक उछली। इस झटके से अयोध्या बाई की बॉडी भी उछल गई। तभी अचानक उनमें हलचल हुई और सांसें चलने लगीं। यह देखकर परिजन हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत महिला की हालत देखी और पाया कि वह सचमुच जीवित हैं।
सोशल मीडिया पर डाल दी थी अंतिम यात्रा की सूचना
अयोध्या बाई के निधन की खबर मिलते ही परिजनों ने सोशल मीडिया पर अंतिम यात्रा की सूचना डाल दी थी। इसके बाद बड़ी संख्या में समाज के लोग उनके घर पहुंच गए थे। अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। तभी उनके जीवित होने की खबर आई। यह सुनकर सभी लोग खुशी से अपने-अपने घर लौट गए।
गांव वाले महिला के जीवित होने को चमत्कार मान रहे
पूरा गांव अयोध्या बाई के जीवित होने की घटना को चमत्कार मान रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि अभी उनकी उम्र और थी। इसलिए भगवान ने उन्हें वापस भेज दिया। कुछ लोग इसे चिकित्सा विज्ञान से परे एक आश्चर्यजनक घटना बता रहे हैं। हालांकि, इससे परिवार और रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी उनके नवजीवन का जश्न मना रहे हैं।
