New Delhi News: शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस-2025 का आयोजन किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया। कार्यक्रम का विषय “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना” रखा गया था। हिमाचल प्रदेश इस उपलब्धि को हासिल करने वाला देश का पांचवां राज्य बन गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल संदेश में बताया कि देश की साक्षरता दर 2011 के 74% से बढ़कर 2023-24 में 80.9% हो गई है। उन्होंने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की सफलता का उल्लेख किया। इस कार्यक्रम में तीन करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों और 42 लाख स्वयंसेवकों ने पंजीकरण कराया है।
राज्य मंत्री ने रखी भविष्य की प्राथमिकताएं
शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों का सबसे पहले पूर्ण साक्षर होना सराहनीय है। उन्होंने साक्षरता की परिभाषा को डिजिटल, वित्तीय और नागरिक जागरूकता तक विस्तारित करने पर जोर दिया।
चौधरी ने भविष्य के लिए तीन प्रमुख प्राथमिकताएं बताईं। पहली, स्वयंसेवा की भावना को बनाए रखना। दूसरी, साक्षरता को कौशल और आजीविका के साथ एकीकृत करना। तीसरी, साक्षरता की परिभाषा को निरंतर व्यापक बनाना। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
साक्षरता दर में ऐतिहासिक वृद्धि
शिक्षा सचिव संजय कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता के समय साक्षरता दर मात्र 12% थी। अब यह 80% से अधिक हो चुकी है। उन्होंने सभी साक्षर नागरिकों से एक निरक्षर को साक्षर बनाने का संकल्प लेने की अपील की। कार्यक्रम में उल्लास संकलन जारी किया गया।
लद्दाख और गोवा के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। सप्ताहभर चले उल्लास साक्षरता सप्ताह के दौरान देशभर में व्यापक पंजीकरण अभियान चलाया गया। कार्यक्रम में राज्यों के शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
