Himachal News: लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विद्यार्थियों से व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि छात्र केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहें। उन्हें जीवन के व्यावहारिक अनुभवों से भी सीखना चाहिए। मंत्री गुरुवार को रामपुर स्थित पदम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस मेधावी छात्र सम्मान समारोह में क्षेत्र के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के तीन सौ मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना नहीं है। शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य अच्छे नागरिक बनकर समाज में सकारात्मक भूमिका निभाना होना चाहिए।
शिक्षा संस्थानों के प्रति दृष्टिकोण
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकारी और निजी दोनों प्रकार के शिक्षण संस्थान उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। इसलिए सभी संस्थानों को समान दृष्टि से देखा जाना चाहिए। उन्होंने छात्रों से अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया। छात्रों को समाज के प्रति जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत एक सशक्त लोकतांत्रिक देश है। देश की मजबूती हमारे संविधान और सजग नागरिकों की देन है। शिक्षा के साथ संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करना भी आवश्यक है। यही हमारी पहचान है और हिमाचल प्रदेश देवभूमि के रूप में जाना जाता है।
सांस्कृतिक विरासत का महत्व
मंत्री ने लवी मेले को रामपुर क्षेत्र की पहचान और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह मेला सदियों से व्यापार और संस्कृति का केंद्र रहा है। लवी मेले की शुरुआत महाराजा केहरी सिंह के समय हुई थी। यह मेला भाईचारे और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
मंत्री ने सभी छात्रों, शिक्षकों और आयोजकों का धन्यवाद व्यक्त किया। इससे पहले उन्होंने सिंगला स्थित श्री सर्वोत्तम शक्तिपीठ में पूजा अर्चना की। उन्होंने वहां आयोजित योग शिविर में भी भाग लिया। मंत्री ने शक्तिपीठ क्षेत्र के विकास के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करने की बात कही।
विकास योजनाओं की घोषणा
मंत्री ने कहा कि शक्तिपीठ क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक व्यापक योजना बनाई जाएगी। इस योजना में भवन निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क सुधार और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। क्षेत्र के विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
मंत्री ने छात्रों से नई तकनीकों को सीखने और आधुनिक ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर विकास आवश्यक है। छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इससे उनके भविष्य के साथ साथ राज्य के विकास में भी मदद मिलेगी।
